इस आर्टिकल में, हम भारतीय इतिहास के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और उनके द्वारा कहे गए नारों का उल्लेख करने वाले है, जिन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये स्वतंत्रता सेनानी हमारे देश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्रोत है और इनके प्रति मन में सम्मान का भाव रखना हमारा कर्त्तव्य है।

महात्मा गांधी
इनके द्वारा दिये गये प्रमुख नारों में भारत छोड़ो, करो या मरो, हमने घुटने टेक कर रोटी मांगी किंतु पत्थर मिले मुख्य रूप से है और इसके अलावा महात्मा गांधी द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• महात्मा गांधी के द्वारा 1 अगस्त 1920 ई0 में असहयोग आन्दोलन की शुरूआत कलकत्ता से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक कारण जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड और रौलेक्ट एक्ट कानून था।
• महात्मा गांधी के द्वारा 12 मार्च 1930 ई0 से 6 अप्रैल 1930 ई0 के बीच, साबरमती आश्रम से लेकर डांडी तक की गई यात्रा को डांडी मार्च कहते है। यह यात्रा कुल 24 दिन तक चली, जिसके दौरान नमक सत्याग्रह किया गया।
• महात्मा गांधी के द्वारा 6 अप्रैल 1930 ई0 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरूआत डांडी से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक कारण वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा महात्मा गांधी की माँगो को अस्वीकार कर देना और नमक कानून था।
• महात्मा गांधी के द्वारा 9 अगस्त 1942 ई0 में भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरूआत बम्बई से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक अगस्त एवं क्रिप्स प्रस्ताव की असफलता और वायसराय द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय सरकार की स्थापना की माँग को अस्वीकार कर देना था।
• महात्मा गांधी के द्वारा 1 अगस्त 1920 ई0 में असहयोग आन्दोलन की शुरूआत कलकत्ता से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक कारण जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड और रौलेक्ट एक्ट कानून था।
• महात्मा गांधी के द्वारा 12 मार्च 1930 ई0 से 6 अप्रैल 1930 ई0 के बीच, साबरमती आश्रम से लेकर डांडी तक की गई यात्रा को डांडी मार्च कहते है। यह यात्रा कुल 24 दिन तक चली, जिसके दौरान नमक सत्याग्रह किया गया।
• महात्मा गांधी के द्वारा 6 अप्रैल 1930 ई0 में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरूआत डांडी से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक कारण वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा महात्मा गांधी की माँगो को अस्वीकार कर देना और नमक कानून था।
• महात्मा गांधी के द्वारा 9 अगस्त 1942 ई0 में भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरूआत बम्बई से की गई। इस आन्दोलन का तात्कालिक अगस्त एवं क्रिप्स प्रस्ताव की असफलता और वायसराय द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय सरकार की स्थापना की माँग को अस्वीकार कर देना था।
लाल बहादुर शास्त्री
इनके द्वारा 1965 ई0 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जय जवान, जय किसान का नारा दिल्ली के रामलीला मैदान से सार्वजनिक सभा को सम्बोधित करते हुए दिया गया और इसके अलावा लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• 1956 ई0 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान, लाल बहादुर शास्त्री रेलमंत्री के पद पर थे और उसी समय हुए रेल हादसे में काफी संख्या में लोग मारे गये और कई घायल हुए, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
• 1964 ई0 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात, प्रधानमंत्री पद का कार्यभार लाल बहादुर शास्त्री जी ने संभाला और 1965 ई0 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, प्रधानमंत्री के रूप में भारत का सफल नेतृत्व किया।
• 1956 ई0 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान, लाल बहादुर शास्त्री रेलमंत्री के पद पर थे और उसी समय हुए रेल हादसे में काफी संख्या में लोग मारे गये और कई घायल हुए, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए लाल बहादुर शास्त्री ने रेलमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
• 1964 ई0 में प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के पश्चात, प्रधानमंत्री पद का कार्यभार लाल बहादुर शास्त्री जी ने संभाला और 1965 ई0 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, प्रधानमंत्री के रूप में भारत का सफल नेतृत्व किया।
सुभाष चंद्र बोस
इनके द्वारा पहला नारा 1943 ई0 में दिल्ली चलो सिंगापुर के टाउन हाल के सामने 'सुप्रीम कमाण्डर' के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए और दूसरा नारा 1944 ई0 में तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा बर्मा के जुबली हॉल से सम्बोधित करते हुए दिया गया और इसके अलावा सुभाष चंद्र बोस द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• सुभाष चंद्र बोस के द्वारा 1939 ई0 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की गई।
• सुभाष चंद्र बोस के द्वारा 1943 ई0 में आजाद हिन्द फौज का पुनर्गठन सिंगापुर में किया गया।
• सुभाष चंद्र बोस के द्वारा 1939 ई0 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की गई।
• सुभाष चंद्र बोस के द्वारा 1943 ई0 में आजाद हिन्द फौज का पुनर्गठन सिंगापुर में किया गया।
यूसुफ मेहर अली
इनके द्वारा 1928 ई0 में साइमन कमीशन वापस जाओ का नारा बम्बई के मोल बन्दरगाह पर पानी के जहाज से साइमन कमीशन के सदस्यों के उतरते समय दिया गया।
लाला लाजपत राय
इनके द्वारा 1928 ई0 में मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश समाज के ताबूत की कील साबित होगा का नारा लाहौर में साइमन कमीशन के विरोध में हुए प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान दिया गया और इसके अलावा लाला लाजपत राय द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• लाला लाजपत राय के द्वारा 1894 ई0 में पंजाब नेशनल बैंक की सह-स्थापना की गई।
• लाला लाजपत राय के द्वारा 1921 ई0 में सर्वेंट्स ऑफ द पीपुल सोसाइटी की स्थापना लाहौर में की गई।
• लाला लाजपत राय के द्वारा 1894 ई0 में पंजाब नेशनल बैंक की सह-स्थापना की गई।
• लाला लाजपत राय के द्वारा 1921 ई0 में सर्वेंट्स ऑफ द पीपुल सोसाइटी की स्थापना लाहौर में की गई।
भगत सिंह
इनके द्वारा 1929 ई0 में इंकलाब जिन्दाबाद का नारा दिल्ली के केन्द्रीय विधानमंडल में बहस के दौरान बम फेंकते समय दिया गया और इसके अलावा भगत सिंह द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और बटुकेश्वर दत्त ने साथ मिलकर 1928 ई0 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना दिल्ली में की।
• साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन के दौरान, ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेम्स ए स्कॉट के आदेश पर लाठी चार्ज में घायल हुए लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदलना लेने के लिए भगत सिंह, राजगुरू और अन्य क्रांतिकारियों ने 17 दिसम्बर 1928 ई0 को ब्रिटिश अधिकारी जेम्स ए स्कॉट का हत्या करने की योजना बनाई, किन्तु गलत मुखबिरी के कारण ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स पर राजगुरू और भगत सिंह ने गोली चला दी, जिसमें उसकी मृत्यु हो गई।
• भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और बटुकेश्वर दत्त ने साथ मिलकर 1928 ई0 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना दिल्ली में की।
• साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन के दौरान, ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेम्स ए स्कॉट के आदेश पर लाठी चार्ज में घायल हुए लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदलना लेने के लिए भगत सिंह, राजगुरू और अन्य क्रांतिकारियों ने 17 दिसम्बर 1928 ई0 को ब्रिटिश अधिकारी जेम्स ए स्कॉट का हत्या करने की योजना बनाई, किन्तु गलत मुखबिरी के कारण ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स पर राजगुरू और भगत सिंह ने गोली चला दी, जिसमें उसकी मृत्यु हो गई।
बाल गंगाधर तिलक
इनके द्वारा मुख्य रूप से स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा का नारा दिया गया और इसके अलावा बाल गंगाधर तिलक द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1896 ई0 में सार्वजनिक गणेश विसर्जन उत्सव की शुरुआत बॉम्बे से की गई, जिसमें लोगों की भीड़ पूजा करने और भगवान गणेश की मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित करने के लिए निकली।
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1905 ई0 में 'स्वदेशी आंदोलन' की शुरूआत की गई, जिसका उद्देश्य न केवल ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार करना था, बल्कि स्वदेशी उद्यमिता को बढ़ावा देना था।
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1916 ई0 में महाराष्ट्र होमरूल लीग की स्थापना पुणे में की गई।
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1896 ई0 में सार्वजनिक गणेश विसर्जन उत्सव की शुरुआत बॉम्बे से की गई, जिसमें लोगों की भीड़ पूजा करने और भगवान गणेश की मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित करने के लिए निकली।
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1905 ई0 में 'स्वदेशी आंदोलन' की शुरूआत की गई, जिसका उद्देश्य न केवल ब्रिटिश सामानों का बहिष्कार करना था, बल्कि स्वदेशी उद्यमिता को बढ़ावा देना था।
• बाल गंगाधर तिलक के द्वारा 1916 ई0 में महाराष्ट्र होमरूल लीग की स्थापना पुणे में की गई।
स्वामी दयानंद सरस्वती
इनके द्वारा मुख्य रूप से वेदों की ओर लौटो का नारा दिया गया और इसके अलावा स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• स्वामी दयानंद सरस्वती के द्वारा 1875 ई0 में आर्य समाज की स्थापना बॉम्बे में की गई।
• स्वामी दयानंद सरस्वती के द्वारा 1875 ई0 में आर्य समाज की स्थापना बॉम्बे में की गई।
रामप्रसाद बिस्मिल
इनके द्वारा मुख्य रूप से सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है का नारा दिया गया और इसके अलावा रामप्रसाद बिस्मिल द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• रामप्रसाद बिस्मिल, शचीन्द्रनाथ सान्याल और चंद्रशेखर आजाद के द्वारा 1924 ई0 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना कानपुर में की गई।
• रामप्रसाद बिस्मिल, शचीन्द्रनाथ सान्याल और चंद्रशेखर आजाद के द्वारा 1924 ई0 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना कानपुर में की गई।
वल्लभभाई पटेल
इनके द्वारा मुख्य रूप से कर मत दो का नारा दिया गया और इसके अलावा वल्लभभाई पटेल द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• 1928 में जब ब्रिटिश प्रांतीय सरकार ने 'कर' में 30% तक की वृद्धि कर दी, तब वल्लभभाई पटेल ने सरकार के खिलाफ बारडोली के किसानों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसकी सफलता के बाद बारडोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की।
• 15 अगस्त 1947 में जब भारत को आजादी मिली, तो वल्लभभाई पटेल उप प्रधानमंत्री बने। वह गृह मामलों, सूचना और प्रसारण और राज्यों के मंत्रालय के प्रभारी थे। उन्हें 562 रियासतों को संघ में एकीकृत करने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने बड़ी कुशलता से इस लक्ष्य को हासिल किया और सेना को जूनागढ़ और हैदराबाद में भेजने जैसे मजबूत कदम उठाए ताकि उन्हें स्वतंत्र भारत के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर किया जा सके।
• 1928 में जब ब्रिटिश प्रांतीय सरकार ने 'कर' में 30% तक की वृद्धि कर दी, तब वल्लभभाई पटेल ने सरकार के खिलाफ बारडोली के किसानों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसकी सफलता के बाद बारडोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की।
• 15 अगस्त 1947 में जब भारत को आजादी मिली, तो वल्लभभाई पटेल उप प्रधानमंत्री बने। वह गृह मामलों, सूचना और प्रसारण और राज्यों के मंत्रालय के प्रभारी थे। उन्हें 562 रियासतों को संघ में एकीकृत करने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने बड़ी कुशलता से इस लक्ष्य को हासिल किया और सेना को जूनागढ़ और हैदराबाद में भेजने जैसे मजबूत कदम उठाए ताकि उन्हें स्वतंत्र भारत के साथ गठबंधन करने के लिए मजबूर किया जा सके।
विनोबा भावे
इनके द्वारा मुख्य रूप से जय जगत का नारा दिया गया और इसके अलावा विनोबा भावे द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• विनोबा भावे के द्वारा 1951 ई0 में भूदान आन्दोलन की शुरुआत Pochampally (वर्तमान तेलंगाना) से की गई।
• विनोबा भावे के द्वारा 1959 ई0 में ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना Paunar Ashram के परिसर में की गई।
• विनोबा भावे के द्वारा 1951 ई0 में भूदान आन्दोलन की शुरुआत Pochampally (वर्तमान तेलंगाना) से की गई।
• विनोबा भावे के द्वारा 1959 ई0 में ब्रह्म विद्या मंदिर की स्थापना Paunar Ashram के परिसर में की गई।
अशफाकुल्लाह खान
इनके द्वारा मुख्य रूप से खून से खेलेंगे होली घर वतन मुश्किल में है का नारा दिया गया और इसके अलावा अशफाकुल्लाह खान द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• 9 अगस्त 1925 ई0 में उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर-सम्भाग में काकोरी नामक स्थान पर ट्रेन में हुई सरकारी खजाने की लूट के सिलसिले में ब्रिटिश सरकार द्वारा 29 क्रान्तिकारियों को अभियुक्त बनाया गया, जिसमें से अशफाकुल्लाह खान, रामप्रसाद बिस्मिल, रोशनलाल और राजेन्द्र लाहिड़ी को फाँसी की सजा हुई।
• 9 अगस्त 1925 ई0 में उत्तर रेलवे के लखनऊ-सहारनपुर-सम्भाग में काकोरी नामक स्थान पर ट्रेन में हुई सरकारी खजाने की लूट के सिलसिले में ब्रिटिश सरकार द्वारा 29 क्रान्तिकारियों को अभियुक्त बनाया गया, जिसमें से अशफाकुल्लाह खान, रामप्रसाद बिस्मिल, रोशनलाल और राजेन्द्र लाहिड़ी को फाँसी की सजा हुई।
चित्तरंजन दास
इनके द्वारा मुख्य रूप से समूचा भारत एक विशाल बंदीगृह है का नारा दिया गया और इसके अलावा चित्तरंजन दास द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• चित्तरंजन दास ने 1908 ई0 के अलीपुर बम केस मामले में बनाये गये मुख्य आरोपी Aurobindo Ghosh की अदालत में पैरवी की।
• चित्तरंजन दास ने मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर 1923 ई0 में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की।
• चित्तरंजन दास ने 1908 ई0 के अलीपुर बम केस मामले में बनाये गये मुख्य आरोपी Aurobindo Ghosh की अदालत में पैरवी की।
• चित्तरंजन दास ने मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर 1923 ई0 में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की।
बंकिम चंद्र चटर्जी
इनके द्वारा मुख्य रूप से वंदे मातरम का नारा दिया गया और इसके अलावा बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा 'आनंदमठ' नामक उपन्यास की रचना की गई, जिससे 'वंदे मातरम' को राष्ट्रीय गीत के रूप में लिया गया।
• बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा 'आनंदमठ' नामक उपन्यास की रचना की गई, जिससे 'वंदे मातरम' को राष्ट्रीय गीत के रूप में लिया गया।
जवाहर लाल नेहरू
इनके द्वारा दिये गये प्रमुख नारों में पूर्ण स्वराज, आराम हराम है, हू लिव्स इफ इंडिया डाइज मुख्य रूप से है और इसके अलावा जवाहर लाल नेहरू द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• जवाहर लाल नेहरू ने 1929 ई0 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर स्थित 44 वें अधिवेशन में अध्यक्ष पद के रूप में कार्य किया। इस अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू ने भारत को दिए गए डोमिनियन स्टेटस के प्रस्ताव को खारिज करते हुए, मोतीलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत नेहरू रिपोर्ट के खिलाफ तर्क दिया और इसके बजाय देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की।
• जवाहर लाल नेहरू ने (1947-1964) ई0 के बीच भारत के अब तक के सबसे लम्बे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
• जवाहर लाल नेहरू ने 1929 ई0 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर स्थित 44 वें अधिवेशन में अध्यक्ष पद के रूप में कार्य किया। इस अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू ने भारत को दिए गए डोमिनियन स्टेटस के प्रस्ताव को खारिज करते हुए, मोतीलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत नेहरू रिपोर्ट के खिलाफ तर्क दिया और इसके बजाय देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की।
• जवाहर लाल नेहरू ने (1947-1964) ई0 के बीच भारत के अब तक के सबसे लम्बे कार्यकाल वाले प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
मंगल पांडे
इनके द्वारा मुख्य रूप से मारो फिरंगी को का नारा दिया गया और इसके अलावा मंगल पांडे द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• बहरामपुर की 19 वीं नेटिव इन्फेंट्री के सिपाहियों ने ब्राउन बेस बन्दूक के स्थान पर नई इनफिल्ड राइफल का प्रयोग करने से मना कर दिया क्योंकि इसमें चर्बी युक्त कारतूस का प्रयोग किया गया था। अत: 29 मार्च 1857 ई0 को इस इन्फेंट्री को विघटित कर दिया गया और इसी दिन बैरकपुर की 34 वीं नेटिव इन्फेंट्री के सिपाही मंगल पांडे ने अपने मेजर सार्जेण्ट ह्यूरसन को गोली मार दी और मेजर बाग की हत्या कर दी, जिस वजह से उन्हें 18 अप्रैल 1857 ई0 को फाँसी दे दी गई। चर्बी युक्त कारतूस का प्रयोग न करने के कारण 9 मई 1857 ई0 को उड़ी के घुड़सवार रेजिमेंट के 85 सैनिकों को मुअत्तल कर 10 वर्ष की सजा दी गई। इस वजह से 10 मई 1857 ई0 को मेरठ में एक महान विद्रोह की शुरूआत हुई, जिसे 1857 ई0 का विद्रोह कहा गया। इस विद्रोह का मुख्य नायक मंगल पांडे को माना गया।
• बहरामपुर की 19 वीं नेटिव इन्फेंट्री के सिपाहियों ने ब्राउन बेस बन्दूक के स्थान पर नई इनफिल्ड राइफल का प्रयोग करने से मना कर दिया क्योंकि इसमें चर्बी युक्त कारतूस का प्रयोग किया गया था। अत: 29 मार्च 1857 ई0 को इस इन्फेंट्री को विघटित कर दिया गया और इसी दिन बैरकपुर की 34 वीं नेटिव इन्फेंट्री के सिपाही मंगल पांडे ने अपने मेजर सार्जेण्ट ह्यूरसन को गोली मार दी और मेजर बाग की हत्या कर दी, जिस वजह से उन्हें 18 अप्रैल 1857 ई0 को फाँसी दे दी गई। चर्बी युक्त कारतूस का प्रयोग न करने के कारण 9 मई 1857 ई0 को उड़ी के घुड़सवार रेजिमेंट के 85 सैनिकों को मुअत्तल कर 10 वर्ष की सजा दी गई। इस वजह से 10 मई 1857 ई0 को मेरठ में एक महान विद्रोह की शुरूआत हुई, जिसे 1857 ई0 का विद्रोह कहा गया। इस विद्रोह का मुख्य नायक मंगल पांडे को माना गया।
जय प्रकाश नारायण
इनके द्वारा मुख्य रूप से सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया गया और इसके अलावा जय प्रकाश नारायण द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• जय प्रकाश नारायण और आचार्य नरेन्द्र देव ने मिलकर 1934 ई0 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के भीतर ही कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की।
• 25 जून 1975 ई0 को दिल्ली के रामलीला मैदान में जय प्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी के पद नहीं छोड़ने की स्थिति में उनके खिलाफ अनिश्चितकालीन देशव्यापी आंदोलन का आह्वान करते हुए रामधारी सिंह दिनकर की मशहूर कविता की पंक्तियाँ 'सिंहासन खाली करो कि जनता आती है' को दोहराया।
• जय प्रकाश नारायण और आचार्य नरेन्द्र देव ने मिलकर 1934 ई0 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के भीतर ही कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की।
• 25 जून 1975 ई0 को दिल्ली के रामलीला मैदान में जय प्रकाश नारायण ने इंदिरा गांधी के पद नहीं छोड़ने की स्थिति में उनके खिलाफ अनिश्चितकालीन देशव्यापी आंदोलन का आह्वान करते हुए रामधारी सिंह दिनकर की मशहूर कविता की पंक्तियाँ 'सिंहासन खाली करो कि जनता आती है' को दोहराया।
मदन मोहन मालवीय
इनके द्वारा मुख्य रूप से सत्यमेव जयते का नारा दिया गया और इसके अलावा मदन मोहन मालवीय द्वारा किये गये कार्यो का उल्लेख इस प्रकार है –
• मदन मोहन मालवीय के द्वारा 1916 ई0 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना बनारस में की गई।
• मदन मोहन मालवीय के द्वारा 1916 ई0 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना बनारस में की गई।
भारतेंदु हरिश्चंद्र
इनके द्वारा मुख्य रूप से हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान का नारा दिया गया और इसके अलावा भारतेंदु हरिश्चंद्र को 'आधुनिक हिन्दी साहित्य का पितामह' भी कहा जाता है।
मोहम्मद इकबाल
इनके द्वारा सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा नामक गीत की रचना की गई और इसके अलावा 1930 ई0 में मोहम्मद इकबाल ने मुस्लिम लीग के सम्मलेन में सबसे पहले मुस्लिमों के लिए एक अलग देश की मांग उठाई।
श्याम लाल गुप्ता
इनके द्वारा विजयी विश्व तिरंगा प्यारा नामक गीत की रचना की गई, जिसे बाद में 'झंडा गीत' के रूप में अपनाया गया।
0 टिप्पणियाँ
Please do not share any links, spam words in the comment box.