सामान्य रूप से, एक भाषा के अन्तर्गत कई उपभाषाएँ तथा एक उपभाषा के अन्तर्गत कई बोलियाँ आती है।

बोली

एक छोटे से सीमित क्षेत्र में बोले जाने वाली भाषा को बोली कहते है। बोली में साहित्यिक रचना नहीं होती है।

उपभाषा

यदि किसी बोली में साहित्यिक रचना होने लगती है और उसके क्षेत्र का विस्तार हो जाता है तो उसे उपभाषा कहते है।

भाषा

साहित्यकार जब उपभाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देता है तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो उसे भाषा कहते है।

• सर्वप्रथम 1889 ई0 में अंग्रेज प्रशासनिक अधिकारी जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने 'मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान' में हिन्दी का उपभाषाओं एवं बोलियों में वर्गीकरण प्रस्तुत किया। बाद में, जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने 1894 ई0 से भारत का भाषाई सर्वेक्षण आरम्भ किया जो 1927 ई0 में सम्पन्न हुआ। उनके द्वारा सम्पादित ग्रंथ का नाम है – 'ए लिंग्विस्टिक सर्वे ऑफ इण्डिया'। इसमें उन्होंने हिन्दी क्षेत्र की बोलियों को पाँच उपभाषाओं में बाँटकर उनकी व्याकरणिक एवं शाब्दिक विशेषताओं का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया है।

• 1926 ई0 में सुनीति कुमार चटर्जी ने 'ओरिजिन एण्ड डेवलपमेंट ऑफ बंगाली लैंग्वेज' में हिन्दी का उपभाषाओं एवं बोलियों में वर्गीकरण प्रस्तुत किया। उन्होंने पहाड़ी भाषाओं को इसमें स्थान नहीं दिया।

• 1933 ई0 में धीरेन्द्र वर्मा ने 'हिस्ट्री ऑफ हिन्दी लैंग्वेज' में सुनीति कुमार चटर्जी के वर्गीकरण पर आधारित हिन्दी का उपभाषाओं एवं बोलियों में वर्गीकरण कुछ संशोधन के साथ प्रस्तुत किया। जैसे उन्होंने इसमें पहाड़ी भाषाओं को शामिल किया।

• इसके अलावा, कई विद्वानों ने अपना वर्गीकरण प्रस्तुत किया है और आज इस बात पर सहमति बनी है कि हिन्दी जिस भाषा-समूह का नाम है उसके अन्तर्गत 5 उपभाषाएँ एवं 17 बोलियाँ है। हिन्दी क्षेत्र की समस्त बोलियों को 5 वर्गों में बाँटा गया है जिन्हें उपभाषा कहा जाता है। इन्हीं उपभाषाओं के अन्तर्गत हिन्दी की 17 बोलियाँ आती है।

उपभाषा

बोली

मुख्य क्षेत्र

राजस्थानी मारवाड़ी (पश्चिमी राजस्थानी), जयपुरी अथवा ढूँढाड़ी (पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी (दक्षिणी राजस्थानी) राजस्थान
पश्चिमी हिन्दी कौरवी (खड़ीबोली), बाँगरू (हरियाणवी), ब्रजभाषा, बुंदेली, कन्नौजी हरियाणा, उत्तर प्रदेश
पूर्वी हिन्दी अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
बिहारी भोजपुरी, मगही, मैथिली उत्तर प्रदेश, बिहार
पहाड़ी कुमाऊँनी, गढ़वाली हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड

नोट – हिन्दी भाषी क्षेत्र के अन्तर्गत भारत के 9 राज्य (राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़) तथा 1 केन्द्र शासित प्रदेश (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र – दिल्ली) आता है जहाँ कुल जनसंख्या के 43% लोग रहते है।