अ, आ

अटूट – न टूटने वाला।
अजर – जो बूढ़ा न हो।
अतीत – जो बीत गया है।
अचूक – जो खाली न जाय।
अज्ञ – जो कुछ नहीं जानता।
अछूत – जो छूने योग्य न हो।
अज्ञात – जो न जाना गया हो।
अछूता – जो छुआ न गया हो।
अदृश्य – जो देखा न जा सके।
अगोचर – जो इंद्रियों से परे हो।
अखाद्य – जो खाया न जा सके।
अदम्य – जो दबाया न जा सके।
अजेय – जिसे जीता न जा सके।
अकथनीय – जो कहा न जा सके।
अग्रणी – जो सबके आगे रहता है।
अटल – जो अपनी बात से न टले।
अदर्शनीय – जो देखने योग्य न हो।
अगोचर – जो नेत्रों से दिखाई न दे।
अडिग – जो अपनी जगह से न हटे।
अग्रज – जिसका पहले जन्म हुआ हो।
अतीन्द्रिय – इंद्रियों की पहुँच से बाहर।
अद्वितीय – जिसके समान दूसरा न हो।
अतिवृष्टि – आवश्यकता से अधिक वर्षा।
अग्रसोची – आगे का विचार करने वाला।
अतिक्रमण – सीमा का अनुचित उल्लंघन।
अचिन्त्य – जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती।
अंतर्यामी – जो सबके मन को जानता हो।
आढ़तिया – आढ़त का व्यापार करने वाला।
अतुलनीय – जिसकी तुलना न की जा सके।
अतिथि – जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो।
अज्ञातकुल – जिसके कुल का पता ज्ञात न हो।
अगोचर – जिसका ज्ञान इंद्रियों के द्वारा न हो।
अकल्पनीय – जिसकी कल्पना न की जा सके।
अंकुश – हाथी को हाँकने का लोहे का अंकुश।
अजातशत्रु – जिसका कोई शत्रु उत्पन्न न हुआ हो।
अट्ठहास – जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय।
अग्रलेख – समाचार पत्र का मुख्य सम्पादकीय लेख।
अणु – पदार्थ का सबसे छोटा इंद्रिय-ग्राह्य विभाग या मात्रा।
अन्त:कथा – किसी कथा के अन्तर्गत आने वाली दूसरी कथा।
अतिशयोक्ति – किसी बात या कथन को बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
अच्युत – जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके।

अनाथ – जिसका स्वामी न हो।
अनिमेष – बिना पलक गिराये हुये।
अपठित – जो पहले पढ़ा न गया हो।
अपराह्न – दोपहर के बाद का समय।
अदृष्टपूर्व – जो पहले देखा न गया हो।
अध्यक्ष – किसी सभा, संस्था का प्रधान।
अधर्म – धर्म या शास्त्र के विरूद्ध कार्य।
अनन्य – अन्य से सम्बन्ध न रखने वाला।
अधोमुख – नीचे की ओर मुख किये हुये।
अनुपम – जिसकी उपमा न दी जा सके।
अनुभूत – जिसका अनुभव किया गया हो।
अपकर्ष – नीचे की ओर लाना या खींचना।
अनिकेत – जिसका कोई निश्चित घर न हो।
अनादृत – जिसका आदर न किया गया हो।
अनुत्तीर्ण – जो परीक्षा में उत्तीर्ण न हुआ हो।
अधिकृत – अधिकार या कब्जे में आया हुआ।
अनिवार्य – जिसका निवारण न किया जा सके।
अनन्योपाय – जिसका कोई दूसरा उपाय न हो।
अधिवक्ता – किसी पक्ष का समर्थन करने वाला।
अनुच्चरित – जिसका उच्चारण न किया जा सके।
अधिनायक – सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी।
अध्गूढ़ा – वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले।
अनुदान – किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता।
अधिनियम – विधानमंडल द्वारा पारित या स्वीकृत नियम।
अनिवर्चनीय – जिसका वचन द्वारा वर्णन न किया जा सके।
अन्यमनस्यक/अनमना – जिसका मन किसी दूसरी ओर हो।
अनुश्रुति – परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला।
अनुयायी – किसी व्यक्ति या सिद्धान्त का समर्थन करने वाला।
अनुमोदन – किसी मत या प्रस्ताव का समर्थन करने की क्रिया।
अधिशुल्क – वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क।
अनसूया – दूसरों के गुणों में दोष ढूँढ़ने की प्रवृत्ति का न होना।
अधिसूचना – सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना।
अनुवाद – एक भाषा की लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखना या कहना।
अधिपत्र – वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाय।
अधिभार – कर या शुल्क का वह अंश जो किसी कारणवश अधिक से अधिक लिया जाता है।
अध्यादेश – राज्य के अधिपति द्वारा जारी किया गया वो आधिकारिक आदेश जो किसी विशेष समय तक ही लागू रहे।
अधीक्षक – किसी कार्यालय या विभाग का वह अधिकारी जो अपने अधीन कार्य करने वाले कर्मचारियों की निगरानी रखे।

अल्पज्ञ – जो कम जानता हो।
अपेक्षित – जिसकी उम्मीद हो।
अशक्त – जिसमें शक्ति न हो।
अवयव – शरीर का कोई भाग।
अल्पभाषी – जो कम बोलता है।
अपरिमेय – जो मापा न जा सके।
अपूर्ण – जो पूरा भरा हुआ न हो।
अण्डज – अंडे से जन्म लेने वाला।
अन्त:पुर – महल की भीतरी भाग।
अहिंसा – किसी प्राणी को न मारना।
अभिनेत्री – अभिनय करने वाली स्त्री।
अलौकिक – जो इस लोक का न हो।
अभ्यस्त – भली प्रकार से सीखा हुआ।
असम्भव/अशक्य – न हो सकने वाला।
अशोच्य – जो शोक करने योग्य न हो।
अशोक्य – जो शोक करने योग्य न हो।
अभूतपूर्व – जो पहले कभी न हुआ हो।
अभिनेता – अभिनय करने वाला पुरूष।
अमर – जो कभी मृत्यु को प्राप्त न हो।
अभ्यन्तर – किसी वस्तु का भीतरी भाग।
अनुज – जिसका जन्म बाद में हुआ हो।
असंवैधानिक – जो नियम के विरूद्ध हो।
अभ्यास – किसी कार्य को बार-बार करना।
अस्त्र – फेंककर चलाया जाने वाला हथियार।
अपरिहार्य – जिसके बिना कार्य न चल सके।
अप्रत्यक्ष/परोक्ष – जो आँखों के सामने न हो।
अवैतनिक – बिना वेतन के कार्य करने वाला।
असाध्य – जो साधा (ठीक किया) न जा सके।
अन्तेवासी – गुरू के समीप रहने वाला विद्यार्थी।
अविचारित – जिस पर विचार न किया गया हो।
अन्त्यज – जिसका जन्म छोटी जाति में हुआ हो।
अभिजात – जिसका जन्म उच्च कुल में हुआ हो।
असूर्यम्पश्या – जो स्त्री सूर्य को भी न देख सके।
अभिमुख – जो किसी की ओर मुँह किये हुये हो।
अपारदर्शक – जिसके आर-पार न देखा जा सके।
अविभाजित – जिसका विभाजन न किया जा सके।
अरसिक – जो काव्य, संगीत आदि का रस न ले।
अविवेक – अच्छा-बुरा समझने की शक्ति का अभाव।
अभीप्सा – किसी वस्तु को प्राप्त करने की तीव्र इच्छा।
अभियुक्त – जिस पर अभियोग (मुकदमा) लगाया गया हो।
अपरिग्रह – शरीर के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना।
अल्पना – द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला।
अवमूल्यन – सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना।

अनावृष्टि – वर्षा का अभाव।
अदेय – जो दिया न जा सके।
असीम – जिसकी सीमा न हो।
अजेय – जो जीता न जा सके।
असमर्थ – जिसमें सामर्थ्य न हो।
अभेद्य – जिसे तोड़ा न जा सके।
अपाठ्य – जिसे पढ़ा न जा सके।
अनगिनत – जो गिना न जा सके।
अवैध – जो कानून के विरूद्ध हो।
असामयिक – जो समय पर न हो।
अनलदग्ध – आग से झुलसा हुआ।
अनुकरणीय – अनुकरण करने योग्य।
अकिंचन – जिसके पास कुछ न हो।
अनाहूत – जो बिना बुलाये आया हो।
अकाट्य – जिसका खण्डन न हो सके।
अघटित – जो पहले घटित न हुआ हो।
अल्पवेतनभोगी – कम वेतन पाने वाला।
अदूरदर्शी – जो आगे की न सोचता हो।
अमानुषिक – जो मानव के योग्य न हो।
अनिर्णीत – जिस पर निर्णय न हुआ हो।
अधिकृत – जिसे अधिकार दिया गया हो।
अप्रत्याशित – जिसकी आशा न की जाय।
अनवरत – जो सदा से चलता आ रहा है।
अश्रुतपूर्व – जो पहले कभी नहीं सुना गया।
अनियंत्रित – जिस पर कोई नियंत्रण न हो।
अगम्य – जहाँ पहुँचा या जाया न जा सके।
अभियुक्त – जिस पर मुकदमा चल रहा हो।
अनुग्रहित – जिस पर अनुग्रह किया गया हो।
अक्षम – जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो।
अंशदान – अपने हिस्से का कुछ भाग दे देना।
अथाह – जिसकी गहराई की थाह न लग सके।
अध्यादेश – जारी किया गया आधिकारिक आदेश।
अनाक्रान्त – जिस पर आक्रमण न किया गया हो।
अन्तरिक्ष – धरती और आकाश के बीच का स्थान।
अंकेक्षक – जो हिसाब-किताब की जाँच करता है।
अपरिभाषित – जिसकी परिभाषा देना सम्भव न हो।
अव्यावहारिक – जो कार्य रूप में लाया न जा सके।
अध्येता – अध्ययन (पढ़ने का) का काम करने वाला।
अध्यापक – अध्यापन (पढ़ाने का) का काम करने वाला।
अधिपत्र – वह पत्र, जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो।
अद्वैतवादी – आत्मा व परमात्मा का द्वैत (अलग-अलग होने) को न मानने वाला।


इ, ई

इप्सित – जिसकी इच्छा की गई हो।
इतिहासज्ञ – इतिहास को जानने वाला।
इच्छुक – किसी चीज की इच्छा रखने वाला।
इन्द्रियजित – इन्द्रियों को वश में करने वाला।
इन्द्रियातीत – जो इन्द्रियों के ज्ञान के बाहर हो।
इन्द्रियविग्रह – इन्द्रियों पर किया जाने वाला वश।
इच्छाचारी – अपनी इच्छा के अनुसार काम करने वाला।
इतिवृत – किन्हीं घटनाओं का कालक्रम से किया गया वृत।

ईजाद – किसी नई चीज को बनाना।
ईर्ष्या – दूसरों की उन्नति को न देख सकना।
ईशान – पूरब और उत्तर के बीच की दिशा।


उ, ऊ

उपर्युक्त – ऊपर कहा हुआ।
उर्वरा – जो भूमि उपजाऊ हो।
उद्धारक – जो उद्धार करता है।
उदंड – जिसे दंड का भय न हो।
उपहास – किसी की हँसी उड़ाना।
उदारमना – जिसका मन उदार हो।
उच्छवास – ऊपर आने वाला श्वास।
उपत्यका – पर्वत के पास की भूमि।
उदग – जो छाती के बल चलता हो।
उदारहृदय – जिसका हृदय उदार हो।
उषाकाल – सूर्योदय से पहले का समय।
उच्छृंखल – जो किसी नियम को न माने।
उच्छिष्ट – खाने से बचा हुआ जूठा भोजन।
उपकारी – दूसरों पर उपकार करने वाला।
उदभिज – जो धरती फोड़ कर जनमता है।
उपकृत – जिस पर उपकार किया गया हो।
उल्लिखित – जिसका उल्लेख किया गया हो।
उत्पाद – वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो।
उदयाचल – सूर्य जिस पर्वत के पीछे निकलता है।
उत्तरदायी – जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो।
उल्लेखनीय – जिसके विषय में उल्लेख करना आवश्यक हो।
उत्तराधिकारी – किसी के बाद उसकी सम्पत्ति प्राप्त करने वाला।

ऊर्ध्वगामी – ऊपर की ओर जाने वाला।
ऊर्ध्वबाहु – वह व्यक्ति जो हाथ उठाए हो।
ऊर्ध्वश्वास – ऊपर की ओर बढ़ती हुई साँस।
ऊसर – जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो।


ए, ऐ

एकटक – बिना पलक गिराये।
एकपक्षीय – किसी एक पक्ष से सम्बन्धित।
एकाग्रचित – जिसका चित्त एक जगह स्थिर हो।
एकाहारी – जो दिन में एक बार भोजन करता है।
एकदेशीय – जिसका सम्बन्ध किसी एक देश से हो।
एकाधिकार – जिस पर किसी अन्य का कुछ अधिकार न हो।

ऐंद्रिक – इंद्रियों से सम्बन्धित।
ऐहिक – इस लोक से सम्बन्धित।
ऐन्द्रजालिक – इन्द्रजाल करने वाला।
ऐच्छिक – जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो।
ऐतिहासिक – इतिहास से सम्बन्ध रखने वाला।
ऐहलौकिक – इस लोक से सम्बन्ध रखने वाला।


ओ, औ

ओष्ठय – जिसका उच्चारण ओंठ से हो।
ओंकार – परब्रह्म का सूचक 'ओं' शब्द।
ओलम्पिक – सारे संसार के देशों की खेल प्रतियोगितायें।
ओहार – आड़ या परदे के लिए रथ अथवा पालकी को ढकने वाला कपड़ा।

औरस – अपनी विवाहित पत्नी से उत्पन्न पुत्र।
औपन्यासिक – जिसका सम्बन्ध उपन्यास से हो।
औपनिवेशिक – जिसका सम्बन्ध उपनिवेश से हो।
औपचारिक – ऊपरी दिखावे के रूप में होने वाला।


कुबेर – धन के देवता।
कौंतेय – कुंती का पुत्र।
कथित – जो कहा गया है।
कुमारी – अविवाहित लड़की।
कल्पनातीत – कल्पना से परे।
कुशाग्रबुद्धि – तेज बुद्धि वाला।
क्रमानुसार – क्रम के अनुसार।
क्रीड़ास्थल – खेलने का मैदान।
कटुभाषी – जो कटु बोलता है।
क्रीत – जिसे क्रय किया गया हो।
कवि – जो पुरुष कविता रचता है।
कर्णकटु – जो कान को कटु लगे।
कार्यकर्ता – कार्य करने वाला व्यक्ति।
कुख्यात – जो सब जगह बदनाम हो।
कामचोर – जो काम से जी चुराता है।
कवयित्री – जो स्त्री कविता लिखती है।
कुलीन – जो अच्छे कुल में उत्पत्र हुआ है।
क्रमागत – ठीक अपने क्रम से आया हुआ।
कष्टसहिष्णु – जो कष्ट को सहन कर सके।
कंटकाकीर्ण – कष्टों या काँटों से भरा हुआ।
करोड़पति – जिसके पास करोड़ों रूपये हो।
कर्तव्यच्युत – जो कर्तव्य से च्युत हो गया है।
कृतार्थ – किसी की कृपा से पूरी तरह संतुष्ट।
कूटनीति – राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला।
कुंज – बेलों आदि से घिरा हुआ सुरम्य स्थान।
कारागारिक – कारागार से सम्बन्ध रखने वाला।
कुपमण्डूक – जिसे बाह्य जगत का ज्ञान न हो।
कृतघ्न – किसी के उपकार को न मानने वाला।
केन्द्राभिमुख – जो केन्द्र की ओर उन्मुख होता हो।
कार्यान्वयन – किसी विचार/निर्णय को कार्यरूप देना।
कृतज्ञ – जो किये गये उपकारों को जानता या मानता है।
कार्यसमिति – किन्हीं निश्चित कार्यों के लिए बनाई गई समिति।
कलाकार – जो कला जानता है या कला की रचना करता है।
किंकर्तव्यविमूढ़ – अपने कर्तव्य का निर्णय न कर सकने वाला।
कनिष्ठ – पद, उम्र आदि के विचार से औरों से अपेक्षाकृत छोटा।
काली सूची – नियम विरुद्ध या निन्दनीय कार्य करने वालों की सूची।
कृष्णाभिसारिका – वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो।


खाद्य – खाने योग्य पदार्थ।
खोखला – ऐसा जो अंदर से खाली हो।
खानातलाशी – किसी के घर की होने वाली तलाशी।
खड़गहस्त – जो सदैव हाथ में खड्ग लिए रहता हो।
खंडित – जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो।
खग्रास – ऐसा ग्रहण जिसमें सूर्य या चन्द्र का पूरा बिम्ब ढँक जाय।
खंडिता – वह नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर प्रात: उसके पास आता हो।


गांगेय – गंगा का पुत्र।
गत – जो बीत चुका हो।
गोपनीय – जिसे गुप्त रखा जाय।
गृहस्थ – घर बसाकर रहने वाला।
ग्रामीण – जो गाँव से सम्बन्धित हो।
गपोड़िया – बहुत गप्पे हाँकने वाला।
गणितज्ञ – गणित शास्त्र के जानकार।
गगनचुम्बी – आकाश को चूमने वाला।
गैरकानूनी – जो कानून के विरूद्ध हो।
गोतीत – जो इंद्रियों के ज्ञान से बाहर हो।
गोधूलि – रात और सन्ध्या के बीच की वेला।
गरिष्ठ/गुरूपाक – जो कठिनाइयों से पचता है।
गिरधारी – जो गिरि पहाड़ को धारण करता हो।
गीतरूपक – वह नाटक जिसमें गीत अधिक हो।
गतानुगतिका – प्राचीन आदर्श के अनुकूल चलने वाला।
गुरुत्वाकर्षण – पृथ्वी की वह शक्ति जो सभी चीजों की अपनी ओर खींचती हो।


घसियारा – घास छीलने वाला।
घृणास्पद – घृणा करने योग्य।
घृणित – जिससे घृणा की जाय।
घुलनशील – घुलने योग्य पदार्थ।
घोषित – जिसकी घोषणा की गयी हो।
घूसखोर/रिश्वतखोर – घूस/रिश्वत लेने वाला।
घटनाक्रम – बहुत सी घटनाओं का सिलसिला।
घेराबन्दी – किसी के इर्द-गिर्द घेरा डालने की क्रिया।


चौराहा – चार राहों वाला।
चिकीर्षा – करने की इच्छा।
चिंतित – चिंता में डूबा हुआ।
चतुष्पद – जिसके चार पैर हो।
चौहदी – चारों ओर की सीमा।
चित्रकार – जो चित्र बनाता हो।
चर्चित – जो चर्चा का विषय हो।
चतुर्भुज – जिसकी चार भुजाएँ हो।
चतुर्मास – बरसात के चार महीने।
चीत्कार – करुण स्वर में चिल्लाना।
चूहेदानी – चूहे फँसाने का पिंजड़ा।
चक्रधारी – चक्र धारण करने वाला।
चिद्विलास – चेतन स्वरूप की माया।
चक्रपाणि – जिसके हाथ में चक्र हो।
चतुर्वेदी – चार वेदों को जानने वाला।
चौथिया – चौथे दिन आने वाला ज्वर।
चन्द्रधारी – जो चन्द्र धारण करता हो।
चन्द्रचूड़ – जिसके चूड़ा पर चन्द्र रहे।
चतुर्थांश – किसी वस्तु का चौथा भाग।
चिह्नित – जिस पर चिह्न लगाया गया हो।
च्युत – जो अपने स्थान से डिग गया हो।
चिरंजीवी – अधिक दिनों तक जीने वाला।
चिरस्थायी – जो बहुत समय तक बना रहे।
चिकित्स्य – जिसकी चिकित्सा की जा सके।
चिकित्सक – रोगी की चिकित्सा करने वाला।
चतुर्थी – महीने के किसी पक्ष की चौथी तिथि।
चिंतनीय – जिसका चिंतन किया जाना चाहिए।
चन्द्रशेखर – जिसके शिखर (सिर) पर चन्द्र हो।
चिकित्सालय – रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान।
चेतावनी – किसी को सावधान करने के लिए कही जाने वाली बात।


छद्मवेश – छिपे वेश में रहना।
छावनी – सेना में रहने का स्थान।
छात्रावास – छात्रों के रहने का स्थान।
छापामार – अचानक आक्रमण करने वाला।
छमाही – छः महीने के समय से सम्बन्धित।
छिद्रान्वेषी – दूसरों के दोषों को खोजने वाला।
छँटनी – कर्मचारियों आदि को छाँटकर निकालने की क्रिया।


जेठौत – जेठ का पुत्र।
जुताई – जोतने का काम।
जिगीषा – जीतने की इच्छा।
जिजीविषा – जीने की इच्छा।
जन्मांध – जो जन्म से अंधा हो।
जलज – जल में जन्म लेने वाला।
जितेंद्रिय – इंद्रियों को जीतने वाला।
जलयान – जल में चलने वाला यान।
जिघांसा – जान से मारने की इच्छा।
जिज्ञासु – जानने की इच्छा रखने वाला।
जन्मशती – जन्म से सौ वर्ष का समय।
जलचर – जल में रहने वाले जीव-जन्तु।
जरायुज – जो गर्भ की थैली से जनमता है।
जिज्ञासा – किसी भी बात को जानने की इच्छा।
जनतंत्र – जनता द्वारा चलाया जाने वाला शासन।
ज्वालामुखी – वह पहाड़ जिससे आग निकलती हो।
जठराग्नि – अन्न को पचाने वाली पेट की अग्नि।
जीवनचरित – किसी के सम्पूर्ण जीवन के कार्यों का विवरण।


झूठा – झूठ बोलने वाला।
झमेलिया – झमेला करने वाला।
झक्की – अपनी धुन में मस्त रहने वाला।
झाड़झंखाड़ – काँटेदार झाड़ियों का समूह।
झबरा – जिसके लम्बे-लम्बे बिखरे बाल हो।
झींगुर – झीं-2 की तेज आवाज करने वाला।
झाड़न – कपड़ा जिससे कोई चीज झाड़ी जाय।


टंकण – टाइप करने की कला।
टकसाल – सिक्के ढालने का कारखाना।
टिप्पणी – मूल बातों को संक्षेप में लिखना।
टैक्सी – किराए पर चलने वाली मोटर गाड़ी।
टापू – चारों ओर जल से घिरा हुआ भू-भाग।
टनाटन – लगातार घंटा बजने से होने वाला शब्द।
टीकाकार – किसी ग्रंथ या रचना की टीका करने वाला।


ठीकेदार – ठीका लेने वाला।
ठसाठस – ठूसकर भरा हुआ।
ठनकार – ठन ठन की आवाज।
ठठेरा – ठकठक करके बर्तन बनाने वाला।
ठाढ़ेश्वरी – दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु।
ठठेरमंजारिका – ठठेरे की बिल्ली जो ठक ठक शब्द से न डरे।


डकैत – डाका मारने वाला।
डरपोक – बहुत डरने वाला।
डंडीमार – डंडी मारने वाला।
डकैती – डाका मारने का काम।
डफाली/डफालची – डफली बजाने वाला।
ड्योढ़ीदार – ड्योढ़ी पर रहने वाला पहरेदार।
डरावना/भयानक – जिसे देखकर डर या भय लगे।
डाक सेवा – पत्रों आदि को दूरस्थ स्थानों पर पहुँचाने वाली सेवा।
डमरूमध्य – स्थल या जल का वह तंग या पतला भाग जो स्थल या जल के दो बड़े खंडों को मिलाता है।


ढोंगी – ढोंग रचने वाला।
ढलाई – ढालने का काम।
ढालवाँ/ढालू – जिसमें ढाल हो।
ढिंढोरिया – ढिंढोरा पीटने वाला।
ढिलाई – ढीला होने का आभाव।
ढोलकिया – ढोलक बजाने वाला।


तितीर्षा – तैरने की इच्छा।
तपस्वी – तप करने वाला।
तार्किक – जो तर्क योग्य हो।
तत्कालीन – उसी समय का।
त्याज्य – जिसे त्याग देना उचित हो।
तटस्थ – किसी का पक्ष न लेने वाला।
तकावी – ऋण के रूप में आर्थिक सहायता।
तर्कसंगत – तर्क के द्वारा जो माना गया हो।
त्यागपत्र – किसी पद अथवा सेवा से मुक्ति का पत्र।
तर्कसम्मत – तर्क के द्वारा जो सम्मत माना जा चुका है।
तानाशाही – एक व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली शासन प्रणाली।
तस्कर – चोरी छिपे चुंगी शुल्क आदि दिए बिना माल लाकर बेचने वाला।
तर्काभास – ऐसा तर्क जो देखने पर ठीक प्रतीत होता हो, किन्तु वैसा न हो।


थाना – पुलिस की बड़ी चौकी।
थान – चौपायों के बाँधने का स्थान।
थानेदार – थाने का प्रधान अधिकारी।
थान – कुछ निश्चित लम्बाई का कपड़ा।
थाह/थक्का – जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह (परत)।
थाती/धरोहर/अमानत – किसी के पास रखी हुई दूसरे की वस्तु।


दित्सा – देने की इच्छा।
देय – जो देने योग्य है।
दुःखद – दुःख देने वाला।
दुश्चरित्र – बुरे चरित्र वाला।
दशरथि – दशरथ का पुत्र।
द्विपद – जिसके दो पैर है।
दशक – दस वर्षो का समय।
दर्दनाक – दर्द से भरा हुआ।
दृष्टिदोष – आँख की बीमारी।
दैनिक – प्रतिदिन होने वाला।
दत्तक – गोद लिया हुआ पुत्।
र दम्पति – पति-पत्नी का जोड़ा।
दर्शनीय – जो देखने योग्य हो।
दलित – जिसे सताया गया हो।
द्विज – दो बार जन्म लेने वाला।
दुर्गम – जहाँ पहुँचना कठिन हो।
द्विभाषी – दो भाषाएँ बोलने वाला।
दण्डनीय – दण्ड दिये जाने योग्य।
द्रुतगामी – बहुत तेज चलने वाला।
दयालु – जिसमें दया का भाव हो।
द्विवेदी – दो वेदों को जानने वाला।
दुर्बोध – कठिनाई से समझने योग्य।
दुष्प्राप्य – जो मुश्किल से प्राप्त हो।
दुर्लंघ्य – जिसको लाँघना कठिन हो।
दशानन – जिसे दस आनन मुख है।
दयावान – जिसके ह्रदय में दया हो।
दूरदर्शी – बहुत दूर की सोचने वाला।
दुभाषिया – जो दो भाषाएँ जानता हो।
देवरानी – पति के छोटे भाई की स्त्री।
द्वारपाल – जो द्वार की रक्षा करता है।
दीर्घायु – जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो।
दीक्षित – जिसने गुरू से दीक्षा ली हो।
दावानल – जंगल में लगने वाली आग।
दृढ़प्रतिज्ञ – वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ़ हो।
दुराग्रह – अनुचित बात के लिए आग्रह।
दीर्घबाहु – जिसकी बाँहें बहुत लम्बी हो।
दुष्कर – जिसे समझना बहुत कठिन हो।
दुर्दम्य/दुर्दात – जिसका दमन कठिन हो।
दार्शनिक – जो दर्शन-शास्त्र का ज्ञाता हो।
दुर्भेद्य – जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो।
दुर्लभ – जिसे प्राप्त करना बहुत कठिन हो।
देशभक्त – अपने देश से प्यार करने वाला।
दर्जी – कपड़ा सिलाई का व्यवसाय करने वाला।
देवज्ञ – दैव या प्रारब्ध सम्बन्धी बातें जानने वाला।
दुराचारी – अनुचित या बुरा आचरण करने वाला।
दीर्घसूत्री – जो विलंब या टालमटोल से काम करे।
देशद्रोही – अपने देश के साथ विश्वासघात करने वाला।
दुर्भिक्ष – जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है।
दत्तचित – जिसने चित्त किसी विषय में दिया लगाया है।
दुर्निवार – जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो।
दिनांकित – जिस पर दिनांक तारीख का अंक लगाया गया हो।
दुरभिसन्धि – नापाक इरादे से की जाने वाली मन्त्रणा या साजिश।
द्विरागमन – विवाह के पश्चात वधू का ससुराल में दूसरी बार आना।
दिवाभिसारिका – दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका।
दलबदलू – एक राजनीतिक दल को छोड़कर दूसरे दल में शामिल होने वाला।
दण्डसंहिता – अपराध और उन पर दण्ड देने के नियम निर्धारित करने वाला प्रश्न।


धनद – धन देने वाला।
ध्येय – ध्यान करने योग्य या लक्ष्य।
धर्मनिष्ठ – जिसकी धर्म में निष्ठा हो।
धर्मात्मा – धर्म का काम करने वाला।
ध्वस्त – बिलकुल बरबाद हो गया हो।
धरोहर – जो वस्तु दूसरे के यहाँ रखी हो।
धारीदार – जिस पर लम्बी-लम्बी धारियाँ हो।
धर्मशाला – यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ घर।
धीरोदात्त – शक्तिशाली, दयालु और योद्धा नायक।
धीवर – मछली पकड़ने या बेचने वाली जाति विशेष।
धीरललित – सदा प्रसन्न रहने वाली या कला प्रेमी नायक।
धुंध – हवा में मिली हुई धूल या भाप के कारण होने वाला अँधेरा।
धीरोद्धत – बहुत चंचल, दुष्ट और अपनी प्रशंसा करने वाला नायक।


नश्वर – नष्ट होने वाला।
निस्तेज – जो तेजहीन हो।
नीरस – जिसमें रस न हो।
निर्भीक – जिसे भय न हो।
निर्मूल – जिसका मूल नहीं है।
निन्दनीय – निन्दा करने योग्य।
निरामिष – मांस न खाने वाला।
नागरिक – नगर में रहने वाला।
निरूत्तर – जो उत्तर न दे सके।
नैयायिक – जो न्याय जनता हो।
निष्काम – जो कामना रहित हो।
निश्चिंत – जो चिन्ता से रहित हो।
नवोदित – नया उदित होने वाला।
निर्दोष – जिसमें कोई दोष न हो।
निर्निमेष – बिना पलक गिराये हुए।
निर्बल – जिसके पास शक्ति न हो।
निष्पक्ष – जो किसी का पक्ष न ले।
नातिलघु – जो बहुत छोटा नहीं है।
नातिदीर्घ – जो बहुत बड़ा नहीं है।
नवागन्तुक – नया-नया आया हुआ।
निरर्थक – जिसका कोई अर्थ न हो।
नृत्यकार/नर्तक – जो नृत्य करता है।
निर्दय – जिसके हृदय में दया न हो।
निर्मल – जिसमें मल (गंदगी) न हो।
निःस्पृह – जिसे कोई आकांक्षा न हो।
निम्नलिखित – जो नीचे लिखा गया है।
निष्पाप – जिसके हृदय में पाप न हो।
नि:संतान – जिसके कोई संतान न हो।
निराश्रय – जिसका कोई आश्रय न हो।
निराधार – जिसका कोई आधार न हो।
निर्मम – जिसके हृदय में ममता न हो।
निशाचर – रात में विचरण करने वाला।
नकसीर – नाक से रक्त बहने का रोग।
निराकार – जिसका कोई आकार न हो।
निर्विवाद – जिसके बारे में मतभेद न हो।
न्यायमूर्ति – उच्च न्यायालय का न्यायाधीश।
निरूपम – जिसकी उपमा न दी जा सके।
निर्भ्रान्त – जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो।
निरक्षर – जो एक अक्षर भी न जानता हो।
नास्तिक – ईश्वर पर विश्वास न रखने वाला।
नवजात – थोड़ी देर पहले जन्म लेने वाला।
नखशिख – नख से शिखा तक के सब अंग।
नदीमातृक – नदी से सींचा जाने वाला प्रदेश।
निर्वाचक – निर्वाचन में अपना मत देने वाला।
निष्कपट – जिसके मन में कोई कपट न हो।
निःशुल्क – जिसका कोई शुल्क न लिया जाय।
निःसंग – किसी के साथ सम्बन्ध न रखने वाला।
निर्वासित – जिसे देश से निकाल दिया गया हो।
नभचर/खेचर – आकाश में विचरण करने वाला।
नौकरशाही – शासकीय अधिकारियों का शासन।
निरापद – जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो।
निरंकुश – जिस पर किसी प्रकार का नियंत्रण न हो।
निर्गुण – जो सत्व, रज और तम तीनों गुणों से परे हो।
निःस्वार्थी – जो अपने लाभ या स्वार्थ का ध्यान न रखता हो।
निर्यात – एक देश से दूसरे देश में माल भेजने की प्रक्रिया।
नेपथ्य – जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश-विन्यास करते है।


पतित – गिरा हुआ।
पौत्र – पुत्र का पुत्र।
प्रियतम – सबसे प्रिय।
पठनीय – पढ़ने योग्य।
पुत्रवधू – पुत्र की वधू।
परोक्ष – आँखों से परे।
पेय – जो पीने योग्य हो।
प्रत्यक्ष – आँखों के सामने।
पार्वती – पर्वत की कन्या।
पिपासा – पीने की इच्छा।
प्रहरी – जो पहरा देता है।
पितामह – पिता का पिता।
पारलौकिक – परलोक का।
पंडितरा – पंडितों में पंडित।
पार्थिव – पृथ्वी से सम्बन्धित।
पूजनीय/पूज्य – पूजने योग्य।
प्रष्टव्य – जो पूछने योग्य हो।
परीक्षार्थी – परीक्षा देने वाला।
प्रसूत – बच्चा जनने वाली स्त्री।
प्रत्यागत – लौटकर आया हुआ।
प्रियवादी – जो प्रिय बोलता हो।
प्राकृतिक – प्रकृति से सम्बन्धित।
पिंडज – जो पिंड से जनमता है।
प्राणदा – प्राण देने वाली औषधि।
पंचकोण – जिसमें पाँच कोने हो।
प्रियवंदा – प्रिय बोलने वाली स्त्री।
प्रयोजनीय – प्रयोग में लाने योग्य।
पांचाली – पांचाल देश की कन्या।
पर्णकुटी – पत्ते की बनी हुई कुटी।
पर्वतारोही – पर्वत पर चढ़ने वाला।
पराधीन – जो दूसरों के अधीन हो।
प्रशंसनीय – जो प्रशंसा के योग्य हो।
प्रणम्य – जो प्रणाम करने योग्य हो।
पिसनहारी – आटा पीसने वाली स्त्री।
प्रत्याशी – किसी पद का उम्मीदवार।
प्रतिभावान – जो प्रतिभा का धनी हो।
पदच्युत – अपने पद से हटाया हुआ।
प्रपितामह – पिता के पिता का पिता।
प्रतिनिधि – जो किसी की ओर से है।
प्रेमपात्र – वह जिससे प्रेम किया जाय।
पितृहंता – पिता की हत्या करने वाला।
प्रियदर्शी – जो देखने में प्रिय लगता है।
पाश्चात्य – जिसका सम्बन्ध पश्चिम से हो।
पैतृक – पिता से प्राप्त की हुई सम्पत्ति।
परमार्थी – जो दूसरों का हित चाहता है।
पराश्रायी – दूसरों के आश्रय में रहने वाला।
पारदर्शी – जिसके आर-पार देखा जा सके।
प्रलंबबाहु – जिसकी बाँहें अधिक लम्बी हो।
पुनरुक्ति – जो उक्ति बार-बार कही जाय।
पक्षाघात – शरीर के एक पार्श्व का लकवा।
प्रागैतिहासिक – ऐतिहासिक युग के पूर्व का।
पाक्षिक – पंद्रह दिन में एक बार होने वाला।
परार्थी – जो दूसरों का भला चाहने वाला हो।
पनडुब्बी – पानी में डूबकर चलने वाली नाव।
पिष्टपेषण – कही हुई बात को बार-बार कहना।
प्रतिस्पर्द्धा – समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा।
प्रत्युपकार – उपकार के प्रति किया गया उपकार।
पंडितम्मन्य – खुद को पंडित (ज्ञानी) मानने वाला।
पथभ्रष्ट – जो अपने पथ (मार्ग) से भटक गया हो।
परोपकारी – जो दूसरों पर उपकार करने वाला हो।
प्रोषितपतिका – वह स्त्री जिसका पति परदेश गया हो।
प्रतिवादी/मुद्दालेह – जो दायर मुकदमे का बचाव करे।
पुनर्निर्माण – किसी टूटी-फूटी वस्तु का फिर से निर्माण।
प्रवासी – जो अपनी मातृभूमि छोड़ विदेश में रहता हो।
परित्यक्ता – वह स्त्री जिसके पति ने उसे त्याग दिया हो।
पतिव्रता – अपने पति के प्रति अनन्य अनुराग रखने वाली।
प्रत्युत्पन्नमति – जो शीघ्र किसी बात या युक्ति को सोच ले।
पथप्रदर्शक – पथ (मार्ग) का प्रदर्शन (दिखाना) करने वाला।
प्रवत्स्यपतिका – वह नायिका जिसका पति विदेश जाने को है।
प्रत्यारोप – किसी आरोप के उत्तर में किया जाने वाला आरोप।
प्रायश्चित – पाप या अपराध करने पर दोषमुक्त होने के लिए किया जाने वाला धार्मिक या शुभ कार्य।


फेनिल – फेन से भरा हुआ।
फड़ – जुआ खेलने का स्थान।
फेरीवाला – घूम-फिरकर सौदा बेचने वाला।
फिजूलखर्ची – आय से अधिक व्यर्थ खर्च करने वाला।
फलदायी – फलने वाला, फल/ठीक परिणाम देने वाला।
फलाहारी – जो केवल फल खाकर जीवन निर्वाह करता हो।
फड़ – जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता है।
फलक – जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो।
फूलदान – वह पात्र जिसमें शोभा के लिए फूल लगाकर रखे जाते है।
फानूस – छत में टाँगने का शीशे का गिलास, जिसमें मोमबत्तियाँ रखी जाती है।


बहुभाषी – बहुत बोलने वाला।
बौना – छोटे कद का आदमी।
बुभुक्षा – भोजन करने की इच्छा।
बहुज्ञ – जो बहुत कुछ जानता है।
बड़वाग्नि – जल में लगने वाली आग।
बहुदर्शी – जिसने बहुत कुछ देखा हो।
बहुश्रुत – जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो।
बोधगम्य – जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके।
बहुचर्चित – जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो।
बालोपयोगी – बच्चों के लिए काम की वस्तु।
बेरोजगार – जिसके पास कोई रोजगार न हो।
बहुरूपिया – बहुत से रूप धारण करने वाला।
बहुभाषाविद् – बहुत-सी भाषाओं को जानने वाला।
बहुभाषाभाषी – बहुत-सी भाषाओं को बोलने वाला।
बहुमत – आधे से अधिक लोगों की सम्मिलित एक राय।
बुद्धिजीवी – जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो।
बलि – किसी देवता पर चढ़ाने के लिए मारा जाने वाला पशु।


भूतेश – भूतों का ईश्वर।
भावी – भविष्य में होने वाला।
भग्नहृदय – जिसका हृदय भग्न हो।
भाग्यवान – जो भाग्य का धनी हो।
भूधर – जो भू को धारण करता है।
भित्तिचित्र – दीवार पर बने हुए चित्र।
भूतपूर्व – जो पहले से था पर अब नहीं।
भूतपूर्व – किसी पद पर जो पहले रहा हो।
भूगर्भवेत्ता – जो भू के गर्भ भीतर का हाल जानता हो।
भूगोल – वह स्त्री जिसमें पृथ्वी के स्वरूप का वर्णन हो।
भूमिका/प्राक्कथन – वे बातें जो पुस्तक के आरंभ में लिखी जाय।
भूगर्भवेत्ता/भूगर्भशास्त्री – जो पृथ्वी के गर्भ भीतर का हाल/शास्त्र जानता हो।


मेमना – भेड़ का बच्चा।
मुमूर्षा – मरने की इच्छा।
मुमुक्षु – जो मोक्ष चाहता हो।
मननीय – मनन करने योग्य।
मनोहर – जो मन को हर ले।
मितभाषी – कम बोलने वाला।
मलिन – जिसमें मल गंदगी हो।
मनोवृत्ति – मन की वृत्ति अवस्था।
मितव्ययी – कम खर्च करने वाला।
महामना – जिसका मन महान हो।
मनोनीत – मनपसन्द या नामांकित।
महाबाहु – जिसकी भुजाएँ बड़ी हो।
महात्मा – जिसकी आत्मा महान हो।
मासिक – एक महीने में होने वाला।
मयूराक्षी – मयूर की तरह आँखों वाली।
मीनाक्षी – मछली की तरह आँखों वाली।
मतानुयायी – किसी मत को मानने वाला।
माननीय – जो मान-सम्मान के योग्य हो।
मुँहासे – मुँह पर निकलने वाली फुंसियाँ।
मृत्युंजय – जिसने मृत्यु को जीत लिया हो।
मेघनाद – मेघ की तरह नाद करने वाला।
मुकदमेबाज – जो मुकदमा लड़ता रहता है।
मत्स्याहारी – जो मछली का आहार करता है।
मतदान – चुनाव में अपना मत देने की क्रिया।
मर्मज्ञ – किसी बात का गूढ़ रहस्य जानने वाला।
मातृहंता/मातृघाती – माता की हत्या करने वाला।
मतभेद – किसी विषय पर दूसरे का मत न मिलना।
मिष्टभाषी/मधुरभाषी – मिष्ट या मधुर भाषण करने वाला।
मुद्रास्फीति – वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो।
मुक्तहस्त – जो हाथों से मुक्त है अर्थात अधिक देने वाला।
मांसाहारी/मांसभोजी – मांस का आहार (भोजन) करने वाला।
मधुपर्क – देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण।


यात्री – यात्रा करने वाला।
यशस्वी – कीर्तिमान पुरुष।
यथाक्रम – क्रम के अनुसार।
याचक – याचना करने वाला।
यथोचित – जैसा चाहिए वैसा।
यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार।
यथासंभव – जहाँ तक हो सके।
यथासाध्य – जहाँ तक सध सके।
युधिष्ठिर – युद्ध में स्थिर रहने वाला।
युयुत्सा – युद्ध की इच्छा रखने वाला।
यथार्थवादी – यथार्थ (सच) कहने वाला।
युवराज – जो राजगद्दी का अधिकारी हो।
युद्धपोत – जो पोत (जहाज) युद्ध का है।
यायावर – जो एक स्थान पर टिक कर नहीं रहता।
युगनिर्माता – नए युग या प्रवृत्ति का निर्माण करने वाला।
युगप्रवर्तक – नए युग या प्रवृत्ति का प्रवर्तन (लागू) करने वाला।


राष्ट्रपति – राष्ट्र का प्रमुख।
रूपसी – अत्यंत सुन्दर स्त्री।
रथी – जो रथ पर सवार है।
रचयिता – रचना करने वाला।
रक्तरंजित – खून से रँगा हुआ।
राजनीतिज्ञ – जो राजनीति जानता है।
रंगमंच – जो रंग (नाट्य) का मंच (स्टेज) है।
रतौंधी – रात को दिखाई न देने वाला रोग।
राजद्रोही – जो राज्य या राजा से द्रोह करे।
रेखांकित – जिसके नीचे रेखा खींची गई हो।
रास – गोपों को घेरा बाँधकर नाचने की क्रिया।
रूपक – वह काव्य जिसका अभिनय किया जाय।
राजपत्रित – जिसकी सूचना राजपत्र में दी गई हो।
रिक्थ – वह पूँजी जो सम्पत्ति आदि के रूप में हो।
राजद्रोह – राजा या राज्य के प्रति किया जाने वाला विद्रोह।
रोमांचकारी – जिसे देख या सुनकर रोम (रोंगटे) खड़े हो जाये।


लिप्सा – पाने की इच्छा।
लौकिक – इसी लोक का।
लोकप्रिय – संसार में सबका प्रिय।
लम्बोदर – जिसका उदर लम्बा हो।
लघुपाक – जो आसानी से पचता हो।
लब्धप्रतिष्ठ – जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है।
लम्बोदर – जिसका उदर लम्बा (बड़ा) हो।
लौहपुरुष – जो पुरुष लोहे की तरह बलिष्ठ है।
लेखपाल – जो भूमि का हिसाब-किताब रखता हो।
लखपति – जिसके पास लाख रूपये की सम्पत्ति हो।
लेखाकार – आय-व्यय, लेन-देन का लेखा करने वाला।
लोरी – बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत।
लोकतंत्र – वह शासन प्रणाली जो जनता द्वारा जनता के हित के लिए हो।


वासुदेव – वसुदेव के पुत्र।
विवाक्षा – बोलने की इच्छा।
विपक्षी – प्रतिकूल पक्ष का।
विक्रेता – बिक्री करने वाला।
वाड्वानल – सागर की आग।
वनचर – जो वन में घूमता हो।
वैध – जो कानून के अनुसार हो।
वचनातीत – जो वचन से परे हो।
व्याख्याता – जो व्याख्या करता है।
विश्वबंधु – जो विश्व भर का बंधु है।
वज्रपाणि – जिसके हाथ में वज्र हो।
विद्यार्थी – विद्या की चाह रखने वाला।
वीणापाणि – जिसके हाथ में वीणा हो।
वाचाल – जो बहुत अधिक बोलता हो।
वज्रबधिर – जो पूर्ण रूप से बहरा हो।
वैज्ञानिक – जो विज्ञान का जानकार है।
वैतनिक – वेतन पर काम करने वाला।
विषयासक्त – जो विषयों में आसक्त्त है।
विपत्नीक – जिसकी पत्नी साथ में न हो।
वाहक – जो कोई वस्तु वहन करता है।
विश्वसनीय – जो विश्वास करने योग्य हो।
वर्णनातीत – जो बात वर्णन के बाहर हो।
विकलांग – जिसका कोई अंग बेकार हो।
विश्वहितैषी – जो विश्व का हित चाहता है।
विवादास्पद – जिसके विषय में विवाद हो।
विश्वस्त – जिस पर विश्वास किया गया है।
विधिप्रदत – विधि (कानून) के द्वारा प्राप्त।
विधुर – जिस पुरूष की पत्नी मर गई हो।
विधवा – जिस स्त्री का पति मर गया हो।
वादी/मुद्दई – जो मुकदमा दायर करता है।
वैयाकरण – जो व्याकरण का जानकार हो।
विश्वपर्यटक – विश्व का पर्यटन करने वाला।
विकृत – जिसमें किसी प्रकार का विकार हो।
विद्युत वेग – बिजली की तरह तीव्र वेग वाला।
विचारगम्य – जो विषय विचार में आ सकता है।
वैष्णव – विष्णु का उपासक या विष्णु से सम्बद्ध।
विश्वासघाती – जिस पर विश्वास न किया जा सके।
वंध्या/बाँझ – जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो।
विद्युत्प्रभ – बिजली की तरह कान्ति (चमक) वाला।
विवृति – स्पष्टीकरण के लिए दिया जाने वाला वक्तव्य।
विधर्मी – जो अपने धर्म के विपरीत आचरण करता हो।
विशेषज्ञ – किसी विषय को विशेष रूप से जानने वाला।
वयः सन्धि – बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का समय।
वातानुकूलित – जिसके भीतर की हवा का तापमान सम स्थिति में रखा गया हो।


शत-प्रतिशत – सौ में सौ।
शाश्वत – सदैव रहने वाला।
शयनागार – सोने का कमरा।
शताब्दी – सौ वर्ष का समय।
शीघ्रगामी – जो तेज चलता हो।
शास्त्रज्ञ – जो शास्त्र को जानता है।
शरणागत – जो शरण में आया हो।
शूलपाणि – जिसके हाथ में शूल हो।
शाक्त – जो शक्ति का उपासक हो।
शत्रुघ्न – शत्रुओं का नाश करने वाला।
शिरोधार्य – सिर पर धारण करने योग्य।
शूर्पणखा – जिसके नख सूप के समान हो।
शहीद – देश के लिए अपने प्राण देने वाला।
शैव – शिव का उपासक या शिव से सम्बद्ध।
श्मशान – वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है।
शाकाहारी – अन्न, फल-फूल एवं साग-सब्जी खाने वाला।


षटराग – संगीत के छः राग।
षोडशी – सोलह वर्ष की लड़की।
षण्मुख/षडानन – छः मुँहों वाला।
षट्कोण – छह कोने वाली आकृति।
षाण्मासिक – छह-छह महीने पर होने वाला।


स्थावर – जो स्थिर रहे।
सरस – जिसमे रस हो।
सुखद – सुख देने वाला।
सरस्वती – विद्या की देवी।
सम्भव – जो हो सकता है।
सुहृदय – सुन्दर हृदय वाला।
सिंहशावक – सिंह का बच्चा।
सच्चरित्र – अच्छे चरित्र वाला।
सजातीय – एक ही जाति का।
सत्यवादी – सत्य बोलने वाला।
सतरंगा – जिसमें सात रंग हो।
समवयस्क – समान वय वाला।
सर्वप्रिय – जो सबको प्यारा है।
सर्वजीत – सबको जीतने वाला।
सामयिक – समय से सम्बन्धित।
संगीतज्ञ – जो संगीत जानता है।
सर्वव्यापी – जो सबमें व्याप्त है।
स्वयंभू – जो स्वयं पैदा हुआ हो।
सत्याग्रह – सत्य के प्रति आग्रह।
सर्वज्ञ – जो सब कुछ जानता है।
सर्वभक्षी – सब कुछ खाने वाला।
सुषुप्सा – शयन करने की इच्छा।
स्वार्थी – अपना हित चाहने वाला।
सड़ाँध – सड़ी हुई वस्तु की गन्ध।
सधवा – जिसका पति जीवित हो।
सहिष्णु – जिसमे सहन शक्ति हो।
सरसिज – जो सरों में जनमता है।
सार्वदेशिक – सब देशों से सम्बद्ध।
साकार – जिसका कोई आकार हो।
स्मरणीय – जो याद रखने योग्य है।
सपरिवार – अपने परिवार के साथ।
संगम – जहाँ नदियों का मिलन हो।
सदय – जो दया के साथ दयालु है।
सम्मेलन – जहाँ लोगों का मिलन हो।
सर्वशक्तिमान – जो सर्वशक्तिसंपन्न है।
संक्रामक – छूत से फैलने वाला रोग।
सदाचारी – जिसका आचरण अच्छा हो।
सदाव्रत – जहाँ खाना मुफ्त मिलता है।
सर्वव्यापक – जो सब जगह व्याप्त हो।
सुलभ – जो आसानी से प्राप्त हो सके।
सांघातिक – प्राणों पर संकट लाने वाला।
सार्वकालिक – सब कालों में होने वाला।
सुग्रीव – जिसकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो।
समसामयिक – एक ही समय में वर्तमान।
सुबोध – जो सरलता से समझने योग्य हो।
स्वयंसिद्ध – जो स्वयं ही सिद्ध (ठीक) हो।
स्वातन्त्र्योत्तर – स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद का।
सुपाठ्य – जिसे सरलता से पढ़ा जा सके।
सभासद – जो किसी सभा का सदस्य हो।
सहोदर – समान उदर से जन्म लेने वाला।
समदर्शी – जो सबको समान भाव से देखे।
सपत्नीक – वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ है।
साहित्यिक – साहित्य से सम्बन्ध रखने वाला।
साक्षर – जो अक्षर पढ़ना-लिखना जानता है।
साप्ताहिक – सप्ताह में एक बार होने वाला।
सुलोचन – जिसके लोचन (आँखें) सुन्दर हो।
सहनशील – सहन करना जिसका स्वभाव है।
स्वेदज – स्वेद (पसीने) से उत्पत्र होने वाला।
स्वावलम्बी – अपने बल पर निर्भर रहने वाला।
सार्वजनिक – सब लोगों से सम्बन्ध रखने वाला।
स्थानापन्न – दूसरे के स्थान पर काम करने वाला।
स्पर्द्धा – किसी काम में दूसरे से बढ़ने की इच्छा।
समकालीन – एक ही समय में उत्पन्न होने वाला।
सार्वभौमिक – समस्त पृथ्वी से सम्बन्ध रखने वाला।
सारस्वत – सरस्वती का भक्त या सरस्वती से संबद्ध।
स्त्रैण – जो स्त्री के वशीभूत या उसके स्वभाव का है।
सूत्रधार – जो नाटक का सूत्र धारण संचालन करता है।
स्वयंसेवक – अपनी इच्छा से दूसरों की सेवा करने वाला।
स्थानान्तरित – एक स्थान से दूसरे स्थान को हटाया हुआ।
सँपेरा – जो साँप पकड़ता है और उसका खेल करता है।
समशीतोष्ण – न बहुत शीत (ठंडा) न बहुत उष्ण (गर्म)।
संविदा – कुछ खास शर्तों द्वारा कोई कार्य कराने का समझौता।
सव्यसाची – जो सव्य (बायें हाथ से हथियार आदि चलाने में) सधा हुआ हो।


हिन्दी – हिन्द की भाषा।
हिंसक – हिंसा करने वाला।
हत्यारा – हत्या करने वाला।
हितैषी – भलाई चाहने वाला।
हार्दिक – दिल से होने वाला।
हस्तलिखित – हाथ से लिखा हुआ।
हलवाई – मिठाई बनाने और बेचने वाला।
हस्तान्तरित – दूसरे के हाथ में गया हुआ।
हस्तक्षेप – दूसरों की बातों में दखल देना।
हृदयविदारक – हृदय को विदीर्ण करने वाला।
हेमन्त – अगहन और पूस में पड़ने वाली ऋतु।
हंसगामिनी – हंस के समान सुंदर मंद गति से चलने वाली स्त्री।


श्र

श्रुतिकटु – जो सुनने में कटु लगे।
श्रुतिमधुर – जो सुनने में मधुर हो।
श्रोतव्य/श्रवणीय – जो सुनने योग्य हो।


क्ष

क्षम्य – क्षमा पाने योग्य।
क्षुधातुर – भूख से व्याकुल।
क्षणभंगुर – क्षण भर में नष्ट होने वाला।
क्षिप्रहस्त – जिसका हाथ बहुत तेज चलता हो।


त्र

त्रासदी – दुखांत नाटक।
त्रिगुण – सत्व, रज व तम।
त्रिदोष – वात, पित्त व कफ।
त्रिवेणी – तीन नदियों का संगम।
त्रिलोक – तीन लोको का समूह।
त्रिफला – आँवला, हर्र व बहेड़ा।
त्रिभुज – जिसकी तीन भुजाएँ हो।
त्रियुगी – तीन युगों में होने वाला।
त्रिलोकी – तीनों लोकों का स्वामी।
त्रिवेदी – तीन वेदों को जानने वाला।
त्रिताप – दैहिक, दैविक व भौतिक कष्ट।
त्रिकुटी – भौहों के बीच का ऊपरी भाग।
त्रिकालदर्शी – तीन कालों को देखने वाला।
त्रिविधवायु – शीतल, मन्द व सुगन्धित वायु।
त्रिकालज्ञ – तीन कालों की बात जानने वाला।
त्रैमासिक – तीन माह में एक बार होने वाला।
त्रिभुवन/त्रिलोक – स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताललोक।
त्रिगुणातीत – जो तीन गुणों सत्व, रज, व तम से परे हो।


ज्ञ

ज्ञातव्य – जिसे जानना चाहिए।
ज्ञानदा – ज्ञान देना वाला।