अगर हम अच्छा कमाते है तो जीवन को आसान बनाने के लिए ढेर सारे सामान की खरीदारी भी करते है। इस वजह से महीने का अन्त आते-आते अपने पास रूपए खत्म हो जाते है और तब हमें मानसिक उलझन का भी सामना करना पड़ता है। आजकल यह हर दूसरे घर की कहानी है। तमाम लोग कभी शौक में तो कभी दूसरों की देखा-देखी सामान खरीदते है। जब घर का बजट बिगड़ने लगता है तो मानसिक सुकून गायब होने लगता है लेकिन अगर आप जीवन में कम से कम चीजों की खरीदारी के सिद्धान्त को अपना ले तो आपकी जिंदगी बहुत ही आसान हो सकती है। इन सबसे आपका खर्च भी कम होगा और आप आर्थिक रूप से खुद को मजबूत भी बना सकेंगे, साथ ही मानसिक रूप से शान्त रहेंगे और खुशहाल जीवन जी सकेंगे। इसका अभ्यास थोड़ा कठिन है, लेकिन थोड़े से प्रयास से इस सिद्धान्त को अपनाया जा सकता है। यह सिद्धान्त कहता है कि चीजें उतनी ही खरीदी जाए, जितनी जरूरी है।

जब हम दुकानों पर सामान जाँच-पड़ताल करके खरीदने की कोशिश करते है तो कई बार ऐसा होता है कि एक ही सामान की बहुत सारी वैरायटी देखने को मिल जाती है। तब हमें काफी उलझन का सामना करना पड़ता है और समझ में नहीं आता कि क्या खरीदा जाए। इस समस्या से बचने के लिए हम अक्सर एक ही दुकान से सारा सामान खरीद लेते है चाहे वह सामान्य कोटि का हो अथवा महँगा। लेकिन यह सामान खरीदने का सही तरीका नहीं है। सामान खरीदते समय हमेशा उसकी क्वॉलिटी और मूल्य पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह आपके निर्धारित बजट में हो। अगर सामान काफी महंगा हो और आपके निर्धारित बजट से बाहर का हो तो बिना झिझक के उसे खरीदने का इरादा छोड़ देना चाहिए।

कम खर्च का सिद्धान्त एकदम से लागू करने पर आपको असुविधा हो सकती है, तनाव बढ़ सकता है, लेकिन यदि धीरे-धीरे प्रयास करे तो जीवन आसान हो जाता है। जरूरी खर्च के सिद्धान्त को जीवन में उतारने के लिए पहले अपनी आवश्यकताओं की प्राथमिकताएं निर्धारित करे और उसी के आधार पर खरीदारी की योजना बनाए। खरीदारी करने से पहले अपनी जरूरतों की सूची बनाए। घर में मौजूद चीजों और उपकरणों को शॉर्टलिस्ट करे और साथ ही घर में रखे अनुपयोगी सजावटी सामान या रसोई का सामान या अनुपयोगी कपड़े, इन सबको एक स्थान पर एकत्र करे। उन्हें या तो बेच दे या किसी जरूरतमंद को दे दें। यह भी आपको मानसिक शान्ति प्रदान करेगा।

घर को एक सिस्टेमेटिक बनाकर चलाए। जीवन में जब एक सिस्टम काम करता है तो अनुपयोगी वस्तुएं या उपकरण स्वत: उससे बाहर हो जाते है। जब आप घर को अच्छे से सजाते है तो अनुपयोगी वस्तुओं को वहाँ कोई स्थान नहीं मिलता। शॉपिंग करते समय क्वांटिटी की अपेक्षा क्वालिटी पर फोकस करना सबसे बेहतर होता है। केवल उन्हीं वस्तुओं को खरीदे, जिनकी बहुत आवश्यकता हो। वह भी बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम गुणवत्ता की हो। अच्छी गुणवत्ता के उत्पाद कुछ महंगे हो सकते है, लेकिन महंगे पड़ते नहीं है।

सिंगल यूज (जिसका एक काम में उपयोग हो) की अपेक्षा मल्टी यूज (जिसका अनेक काम में उपयोग हो) वाली वस्तुएं खरीदे। मसलन, कपड़े ऐसे खरीदे जिन्हें विभिन्न अवसरों पर मिक्स और मैच करके पहन सकते हो। इसके अतिरिक्त एसेसरीज यानी बैग, जूते, आभूषण आदि भी मल्टी यूज को ध्यान में रखकर खरीदने का प्रयास करे। इसी तरह किचन सेट और अन्य सजावटी सामान भी अलग-अलग तरीके से प्रयोग करके घर में नवीनता लाई जा सकती है और अनावश्यक खर्च को बचाया जा सकता है।

हर रोज कुछ ना कुछ खरीदने के लिए दुकान पर जाने के बजाय आप हफ्ते भर के सामान की लिस्ट एक साथ बना ले और उसी के मुताबिक सामान खरीदे। इससे आपको अचानक सामान खत्म होने की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। सामान हमेशा ऐसे समय पर खरीदने जाए जब दुकान पर भीड़-भाड़ ना हो, ताकि आपको पेमेंट के लिए लाइन में खड़ा ना होना पड़े। इससे आपके समय की बचत तो होती ही है साथ ही आपको खरीदारी करने में परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। कोशिश करे कि शाम, रात या छुट्टि वाले दिन जाने से बचे, क्योंकि ऐसे समय ज्यादातर लोग खरीदारी के लिए जाते है।