इस आर्टिकल में, भारत के प्रमुख नगर और उनके संस्थापक की बात करने वाले है जिनका प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत ही अधिक महत्व है और इनसे सम्बंधित प्रश्न कई बार पूछे गए है।

आगरा
इसकी स्थापना लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित शाहजहां के द्वारा बनवाया गया 'ताजमहल' विश्व के सात अजूबों में से एक है, जिसे 1983 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया और इसके अलावा इसे 'Petha Nagri' के नाम से भी जाना जाता है।
भोपाल
इसकी स्थापना परमार वंश के शासक भोज के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में मध्य प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है।
इलाहाबाद
इसकी स्थापना मुगल सम्राट अकबर के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Abode of God', 'City of Prime Ministers' और 'Sangam City' के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही, 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया।
चित्तौड़गढ़
इसकी स्थापना चित्रांगद के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित चित्तौड़गढ़ किला प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'Pride of Rajasthan' भी कहा जाता है।
मान्यखेत
इसकी स्थापना राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में कर्नाटक की सीमा के अन्तर्गत आता है।
नई दिल्ली
इसका डिजाइन एडविन लुट्येन्स के द्वारा तैयार किया गया था। इसे 'City of Rallies' के नाम से भी जाना जाता है।
अजमेर
इसकी स्थापना चौहान वंश के शासक अजय राज के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित अढ़ाई दिन का झोपड़ा, तारागढ़ किला प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'Heart of Rajasthan' भी कहा जाता है।
बॉम्बे
इसकी स्थापना गेराल्ड औंगियर के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में महाराष्ट्र की सीमा के अन्तर्गत आता है।
जमशेदपुर (टाटानगर)
इसकी स्थापना जमशेदजी नुसरवानजी टाटा के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में झारखण्ड की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Pittsburgh of India' और 'Steel City of India' के नाम से भी जाना जाता है।
कलकत्ता
इसकी स्थापना जॉब चारनोक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित विक्टोरिया मेमोरियल, फोर्ट विलियम, बेलूर मठ, हावड़ा ब्रिज प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'City of Joy' और 'City of Palaces' के नाम से भी जाना जाता है।
हिसार
इसकी स्थापना तुगलक वंश के शासक फिरोजशाह तुगलक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में हरियाणा की सीमा के अन्तर्गत आता है।
जैसलमेर
इसकी स्थापना राजपूत शासक रावल जैसल के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Golden City of Rajasthan' के नाम से भी जाना जाता है।
अमृतसर
इसकी स्थापना सिक्खों के चौथे गुरू रामदास के द्वारा 'अमृत सरोवर' नामक नगर के रूप में की गई, जो कि वर्तमान में पंजाब की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इसे 'Golden City' के नाम से भी जाना जाता है।
फिरोजपुर
इसकी स्थापना तुगलक वंश के शासक फिरोजशाह तुगलक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में पंजाब की सीमा के अन्तर्गत आता है।
कोटा
इसकी स्थापना राव माधोसिंह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Coaching Capital of India' भी कहा जाता है।
हैदराबाद
इसकी स्थापना कुतुबशाही वंश के शासक मुहम्मद कुली कुतुबशाह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में तेलंगाना की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित गोलकोण्डा किला, चारमीनार प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'City of Pearls' और 'City of Nizams' के नाम से भी जाना जाता है।
पाटलिपुत्र
इसकी स्थापना हर्यक वंश के शासक उदयिन (जिसका नाम बदलकर शेरशाह सूरी ने पटना कर दिया) के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में बिहार की सीमा के अन्तर्गत आता है।
नागपुर
इसकी स्थापना बख्त बुलंदशाह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में महाराष्ट्र की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Orange City' के नाम से भी जाना जाता है।
जयपुर
इसकी स्थापना राजपूत शासक सवाई जयसिंह द्वितीय के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 2019 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया। यहाँ स्थित आमेर किला, हवा महल, जंतर मंतर, जयगढ़ किला, नाहरगढ़ किला प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। इस शहर के बारे में एक दिलचस्प बात यह है कि 1876 ई0 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के जयपुर आगमन पर तत्कालीन महाराज सवाई रामसिंह ने पूरे जयपुर शहर को गुलाबी रंग से सजवा दिया, तभी से इस शहर को 'Pink City' कहा जाने लगा।
वारंगल
इसकी स्थापना काकतीय वंश के शासक बीटा राजा प्रथम के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में तेलंगाना की सीमा के अन्तर्गत आता है।
अहमदाबाद
इसकी स्थापना सुल्तान अहमदशाह प्रथम के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में गुजरात की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 2017 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया और इसके अलावा इसे 'Boston of India' और 'Manchester of India' के नाम से भी जाना जाता है।
लखनऊ
इसकी स्थापना नवाब आसफुद्दौला के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, हुसैनाबाद क्लाक टॉवर, ब्रिटिश रेसीडेंसी, सआदत अली खां का मकबरा, दिलकुशा कोठी, छत्तर मंजिल, कैसरबाग पैलेस, रूमी दरवाजा प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'City of Nawabs' के नाम से भी जाना जाता है।
फर्रुखाबाद
इसकी स्थापना नवाब मोहम्मद खान बंगश के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है।
कानपुर
इसकी स्थापना हिंदू सिंह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 'Leather City' और 'Manchester of North India' के नाम से भी जाना जाता है।
जोधपुर
इसकी स्थापना राव जोधा के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित मेहरानगढ़ किला प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है और इसके अलावा इसे 'Sun City' के नाम से भी जाना जाता है।
मुंगेर
इसकी स्थापना मौर्य वंश के शासक चन्द्रगुप्त के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में बिहार की सीमा के अन्तर्गत आता है।
चंडीगढ़
इसका डिजाइन ली कार्बुसियर के द्वारा तैयार किया गया था। यहाँ स्थित ली कार्बुसियर के वास्तुकला सम्बन्धी कार्य को 2016 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया और इसके अलावा इसे 'The City Beautiful' के नाम से भी जाना जाता है।
अलवर
इसकी स्थापना राव प्रताप सिंह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित मूसी महारानी की छतरी प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
श्रीनगर
इसकी स्थापना मौर्य वंश के शासक अशोक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में जम्मू एण्ड कश्मीर की सीमा के अन्तर्गत आता है।
रायपुर
इसकी स्थापना ब्रह्मदेव राय के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित महामाया मंदिर प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
बीजापुर
इसकी स्थापना आदिलशाही वंश के शासक युसूफ आदिलशाह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में कर्नाटक की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित गोल गुम्बज प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
आदिलाबाद
इसकी स्थापना आदिलशाही वंश के शासक युसूफ आदिलशाह के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में तेलंगाना की सीमा के अन्तर्गत आता है।
बीकानेर
इसकी स्थापना राव बीका के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित जूनागढ़ किला प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
फतेहपुर सीकरी
इसकी स्थापना मुगल सम्राट अकबर के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। इसे 1986 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया। यहाँ स्थित बुलंद दरवाजा, शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, जोधाबाई का महल, जामा मस्जिद, पंचमहल, खासमहल, मरियम की कोठी, तुर्की सुल्तान की कोठी जैसे स्मारकों का निर्माण अकबर के द्वारा ही कराया गया था।
सिरोही
इसकी स्थापना सहस्त्रमल के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में राजस्थान की सीमा के अन्तर्गत आता है।
छतरपुर
इसकी स्थापना महाराजा छत्रसाल के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में मध्य प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर, कंदरिया महादेव मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, लक्ष्मण मंदिर प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
अवध
इसकी स्थापना सआदत अली खान के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है।
दिल्ली
पृथ्वीराज रासो के अनुसार, इसकी स्थापना अनंगपाल तोमर के द्वारा की गई थी। यहाँ स्थित कुतुबमीनार, हुमायूँ का मकबरा प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जिन्हें 1993 में विश्व विरासत धरोहर के रूप में शामिल किया गया।
विजयनगर
इसकी स्थापना संगम वंश के शासक हरिहर प्रथम के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में कर्नाटक की सीमा के अन्तर्गत आता है।
जौनपुर
इसकी स्थापना तुगलक वंश के शासक फिरोजशाह तुगलक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सीमा के अन्तर्गत आता है। यहाँ स्थित अटाला मस्जिद प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में से एक है।
पॉन्डिचेरी
इसे फ्रेंकोइस मार्टिन के द्वारा एक बस्ती के रूप में बसाया गया। 2006 में भारत सरकार ने पॉन्डिचेरी का नाम बदलकर पुडुचेरी कर दिया है।
तुगलकाबाद
इसकी स्थापना तुगलक वंश के शासक ग्यासुद्दीन तुगलक के द्वारा की गई, जो कि वर्तमान में दिल्ली की सीमा के अन्तर्गत आता है।
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