मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल सात मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) थे, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है। इनमें से सम्पत्ति के अधिकार को 44 वां संविधान संशोधन (1978) के द्वारा समाप्त कर दिया गया और भारतीय संविधान के Part–12 के अन्तर्गत, Article 300 A में विधिक अधिकार के रूप में जगह दी गई।

वर्तमान में भारतीय नागरिकों को कुल छ: मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) प्रदान किये गये है जिनके बारें में भारतीय संविधान के Part–3 के अन्तर्गत, Article 12 से 35 के बीच बताया गया है, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण Articles का उल्लेख नीचे किया जा रहा है।
• समानता का अधिकार (Right to Equality)
Article (14) – विधि के समक्ष सभी नागरिक बराबर है अत: राज्य किसी भी व्यक्ति को विधि के समान संरक्षण से वंचित नहीं कर सकता।
Article (15) – राज्य किसी भी नागरिक के विरूद्ध धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं कर सकता।
Article (16) – राजकीय सेवाओं या पदों पर नियुक्ति के सम्बन्ध में सभी नागरिकों को समान अवसर प्राप्त होंगे।
Article (17) – कोई भी नागरिक किसी को अछूत मानकर उसके साथ भेदभाव करता है तो यह एक दण्डनीय अपराध माना जायेगा (नोट – इसके साथ ही अस्पृश्यता का अंत कर दिया गया)
Article (18) – कोई भी नागरिक राष्ट्रपति की अनुमति के बिना विदेशी राज्य से उपाधि स्वीकार नहीं कर सकता और राज्य किसी भी नागरिक को सेना या शिक्षण सम्बन्धी उपाधि के अतिरिक्त कोई अन्य उपाधि नहीं दे सकता।
• स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom)
Article (19) – (1) प्रत्येक नागरिक को भाषण, लेखन, मुद्रण एवं विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता प्राप्त है।
(2) प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से बिना हथियार के सभा करने की स्वतंत्रता है किन्तु राज्य सरकार सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए इस पर रोक लगा सकती है।
(3) प्रत्येक नागरिक को संघ अथवा संस्थाओं के गठन की स्वतंत्रता है किन्तु वह उन संस्थाओं का निर्माण नहीं कर सकता, जिससे सरकार के कार्यो में कोई बाधा पड़े।
(4) प्रत्येक नागरिक को बिना किसी रोक-टोक के घूमने की स्वतंत्रता है।
(5) प्रत्येक नागरिक को घर बनाकर रहने की स्वतंत्रता है।
(6) प्रत्येक नागरिक को इच्छानुसार कार्य करने की स्वतंत्रता है।
(2) प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से बिना हथियार के सभा करने की स्वतंत्रता है किन्तु राज्य सरकार सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए इस पर रोक लगा सकती है।
(3) प्रत्येक नागरिक को संघ अथवा संस्थाओं के गठन की स्वतंत्रता है किन्तु वह उन संस्थाओं का निर्माण नहीं कर सकता, जिससे सरकार के कार्यो में कोई बाधा पड़े।
(4) प्रत्येक नागरिक को बिना किसी रोक-टोक के घूमने की स्वतंत्रता है।
(5) प्रत्येक नागरिक को घर बनाकर रहने की स्वतंत्रता है।
(6) प्रत्येक नागरिक को इच्छानुसार कार्य करने की स्वतंत्रता है।
Article (20) – अपराध के समय कानून के उल्लंघन के बिना किसी भी नागरिक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
Article (21) – किसी भी नागरिक को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधिक प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जा सकता है।
Article 21(1) – राज्य 6 से 14 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध करायेगा।
Article (22) – कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध में संरक्षण, जैसे – अगर किसी भी व्यक्ति को मनमाने ढंग से हिरासत में ले लिया गया हो, तो उसे तीन प्रकार की स्वतंत्रता प्रदान की गई है
(1) हिरासत में लेने का कारण बताना होगा।
(2) 24 घंटे के अंदर (आने जाने के समय को छोड़कर) उसे Magistrate के समक्ष पेश करना होगा।
(3) उसे अपने पसंद के वकील से सलाह लेने का अधिकार होगा।
(1) हिरासत में लेने का कारण बताना होगा।
(2) 24 घंटे के अंदर (आने जाने के समय को छोड़कर) उसे Magistrate के समक्ष पेश करना होगा।
(3) उसे अपने पसंद के वकील से सलाह लेने का अधिकार होगा।
• शोषण के विरूद्ध अधिकार (Right Against Exploitation)
Article (23) – मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम को निषेध या प्रतिबंधित कर दिया गया।
Article (24) – 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बालक को कारखाने या खान में काम करने के लिए लगाना या रखना प्रतिबंधित कर दिया गया।
• धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion)
Article (25) – सभी को अन्तःकरण एवं धर्म को अबाध रूप से मानने, आचरण करने व उसका प्रचार करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई।
Article (26) – प्रत्येक धार्मिक सम्प्रदाय या उसके किसी भी अनुभाग को धार्मिक प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना का, अपने धर्म विषयक कार्यो का प्रबन्ध करने का, जंगम एवं स्थावर सम्पत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का अधिकार होगा।
Article (27) – किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा, जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक सम्प्रदाय की अभिवृद्धि या पोषण में व्यय करने के लिए विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किये जाते है साधारण भाषा में, किसी भी धर्म विशेष की उन्नति के लिए कर अथवा सहयोग देने या न देने की स्वतंत्रता।
Article (28) – राजकीय निधि से चलने वाली किसी भी सरकारी अथवा सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थान में किसी भी प्रकार की धार्मिक शिक्षा नहीं प्रदान की जा सकती।
• संस्कृति एवं शिक्षा सम्बन्धी अधिकार (Cultural and Educational Right)
Article (29) – भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाये रखने का अधिकार होगा।
राज्य द्वारा पोषित या राज्य निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, जाति, मूलवंश या भाषा इनमें से किसी भी आधार पर वंचित नहीं किया जायेगा।
राज्य द्वारा पोषित या राज्य निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, जाति, मूलवंश या भाषा इनमें से किसी भी आधार पर वंचित नहीं किया जायेगा।
Article (30) – धर्म या भाषा पर आधारित अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को शिक्षण संस्थानों की स्थापना और उनके प्रशासन का अधिकार प्रदान किया गया।
• संवैधानिक उपचारों का अधिकार (Right to Constitutional Remedies)
Article (32) – कोई भी नागरिक अपने मूल अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय में शरण ले सकता है।
नोट – उच्चतम न्यायालय Article (32) और उच्च न्यायालय Article (226) के अन्तर्गत Writ जारी करता है जिसे संविधान का ह्रदय और आत्मा कहते है।
नोट – उच्चतम न्यायालय Article (32) और उच्च न्यायालय Article (226) के अन्तर्गत Writ जारी करता है जिसे संविधान का ह्रदय और आत्मा कहते है।
मौलिक अधिकारों का स्थगन (Suspension of Fundamental Rights)
Article 358 के अनुसार, जब राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है तो Article 19 के अन्तर्गत आने वाले छह मौलिक अधिकार स्वतः स्थगित हो जाते हैं। आपातकाल की समाप्ति के बाद Article 19 स्वतः ही पुनर्जीवित हो जाता है। जब 1978 में 44 वां संशोधन अधिनियम लाया गया तो उसमें यह उल्लेख किया गया कि Article 19 को केवल तभी निलंबित किया जा सकता है जब राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध या बाहरी आक्रमण के आधार पर लागू किया गया हो, न कि सशस्त्र विद्रोह के मामले में।
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