यह मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है जिसके बारें में नीचे बताया गया है –
Primary Memory
• कम्प्यूटर इसके बिना नहीं चल सकता।
• इसकी सीमित भंडारण क्षमता होती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति तेज होती है।
• इसे सीपीयू (CPU) द्वारा सीधे एक्सेस किया जा सकता है।
• इसे Internal अथवा Main Memory के नाम से भी जाना जाता है।
• इसे बनाने में अर्धचालक पदार्थो (Semiconducting Materials) का प्रयोग किया जाता है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा अस्थायी रूप से संग्रहीत रहता है और खो जाता है। आमतौर पर इसकी प्रकृति अस्थिर (Volatile) होती है।
• उदाहरण – RAM, ROM
• इसकी सीमित भंडारण क्षमता होती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति तेज होती है।
• इसे सीपीयू (CPU) द्वारा सीधे एक्सेस किया जा सकता है।
• इसे Internal अथवा Main Memory के नाम से भी जाना जाता है।
• इसे बनाने में अर्धचालक पदार्थो (Semiconducting Materials) का प्रयोग किया जाता है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा अस्थायी रूप से संग्रहीत रहता है और खो जाता है। आमतौर पर इसकी प्रकृति अस्थिर (Volatile) होती है।
• उदाहरण – RAM, ROM
RAM
इसका Full Form होता है – 'Random Access Memory'। इसमें उपस्थित Data तब तक सुरक्षित रहता है जब तक Power की Supply बनी रहती है। Power की Supply रूकने पर कुछ समय बाद Data अपने आप ही Delete हो जाता है, अर्थात इसमें Data अस्थायी रूप से Store रहता है। इसके अलावा इसका उपयोग System (Computer, Mobile and Laptop ) की Speed को बढ़ाने में किया जाता है।
ROM
इसका Full Form होता है – 'Read Only Memory'। इसमें Save किया हुआ Data तब तक सुरक्षित रहता है जब तक हम उसे खुद से Delete नहीं कर देते, अर्थात इसमें Data स्थायी रूप से Store रहता है। इसके अलावा इसका उपयोग डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
Secondary Memory
• कम्प्यूटर इसके बिना चल सकता है।
• इसकी विशाल भंडारण क्षमता होती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति धीमी होती है।
• इसका उपयोग Back Up के रूप में किया जाता है।
• इसे Auxiliary अथवा External Memory के नाम से भी जाना जाता है।
• इसे बनाने में Magnetic और Optical Materials का प्रयोग किया जाता है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा स्थायी रूप से संग्रहीत रहता है अर्थात् इसकी प्रकृति स्थिर (Non-Volatile) होती है।
• उदाहरण – HDD, SSD, USB Flash Drive
• इसकी विशाल भंडारण क्षमता होती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति धीमी होती है।
• इसका उपयोग Back Up के रूप में किया जाता है।
• इसे Auxiliary अथवा External Memory के नाम से भी जाना जाता है।
• इसे बनाने में Magnetic और Optical Materials का प्रयोग किया जाता है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा स्थायी रूप से संग्रहीत रहता है अर्थात् इसकी प्रकृति स्थिर (Non-Volatile) होती है।
• उदाहरण – HDD, SSD, USB Flash Drive
HDD
इसका Full Form होता है – 'Hard Disk Drive'। यह एक प्रकार का Data Storage Device है जो Computer अथवा Laptop के भीतर होता है। इसके अन्दर Spinning Disk होती है जो Data को Magnetic रूप से Store करती है। सामान्य तौर पर, इनकी लागत बहुत ही काम होती है और Data को Store करने की क्षमता बहुत ही अधिक। Data के लिए Practically बार-बार इन्हें Access करने की आवश्यकता नहीं होती है जैसे कि Files, Photos और Videos का Backups लेना। वर्तमान में 3.5 इंच की HDD का प्रयोग Computers में और 2.5 इंच की HDD का प्रयोग Laptops में किया जा रहा है।
SSD
इसका Full Form होता है – 'Solid State Drive'। यह एक प्रकार का Data Storage Device है जो Computer अथवा Laptop के भीतर होता है। इसके अन्दर Data को Store करने के लिए Integrated Circuits होते है। सामान्य तौर पर, इनकी लागत HDD की तुलना में अधिक होती है, लेकिन इसकी Speed व Performance, HDD से काफी बेहतर है।
USB Flash Drive क्या है?
यह एक प्रकार का Data को Store करने वाला Device है जिसे बाहरी रूप से USB Port के माध्यम से Computer अथवा Laptop में Connect करते है। इसमें एक एकीकृत USB Interface के साथ Flash Memory भी शामिल होती है। यह Optical Disk की तुलना में बहुत छोटा होता है और आम भाषा में इसे 'Pen Drive' के नाम से भी जाना जाता है। यह Data को Store करने और उसे Transfer करने का एक अच्छा माध्यम है, जिसे आप आसानी से कहीं भी ले जा सकते है। वर्तमान में मुख्य रूप से 4 GB, 8 GB, 16 GB, 32 GB, 64 GB, 128 GB और 256 GB Storage की Pen Drives मार्केट में उपलब्ध है जिसे आप आसानी से खरीद सकते है।
USB Flash Drive का Use कैसे करे?
First Step – सबसे पहले इसे Computer के CPU अथवा Laptop के USB पोर्ट में Insert करें।
Second Step – USB Port से Connect होने के बाद, Computer अथवा Laptop की Window के My Computer वाले Section में जाये, जहाँ आपको USB Flash Drive वाला Portion मिल जाएगा।
Third Step – आपको जिस Data (Files, Photos etc) को USB Flash Drive में Save करना है उसे Ctrl + C दबाकर Copy कर ले।
Fourth Step – Copy किये गये Data को USB Flash Drive वाले Section में जाकर Ctrl + V दबाकर Paste करके Save कर ले।
Second Step – USB Port से Connect होने के बाद, Computer अथवा Laptop की Window के My Computer वाले Section में जाये, जहाँ आपको USB Flash Drive वाला Portion मिल जाएगा।
Third Step – आपको जिस Data (Files, Photos etc) को USB Flash Drive में Save करना है उसे Ctrl + C दबाकर Copy कर ले।
Fourth Step – Copy किये गये Data को USB Flash Drive वाले Section में जाकर Ctrl + V दबाकर Paste करके Save कर ले।
Cache Memory
• इसे बनाने में अर्धचालक पदार्थो (Semiconducting Materials) का प्रयोग किया जाता है।
• यह CPU और Main Memory के बीच Buffer का कार्य करती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति, Main Memory की तुलना में ज्यादा तेज होती है।
• इसका Main Function, CPU को Speed Up करना है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा अस्थायी रूप से संग्रहीत रहता है और खो जाता है अर्थात् इसकी प्रकृति अस्थिर (Volatile) होती है।
• यह Main Memory की तुलना में ज्यादा तेज कार्य करती है। इस वजह से इसे डाटा एक्सेस करने में समय, Main Memory की तुलना में कम लगता है।
• यह CPU द्वारा बार-बार उपयोग किए जाने वाले सभी डेटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है, जिससे कम्प्यूटर के प्रदर्शन में सुधार होता है।
• यह CPU और Main Memory के बीच Buffer का कार्य करती है।
• डेटा एक्सेस करने की गति, Main Memory की तुलना में ज्यादा तेज होती है।
• इसका Main Function, CPU को Speed Up करना है।
• बिजली बंद होने की स्थिति में डेटा अस्थायी रूप से संग्रहीत रहता है और खो जाता है अर्थात् इसकी प्रकृति अस्थिर (Volatile) होती है।
• यह Main Memory की तुलना में ज्यादा तेज कार्य करती है। इस वजह से इसे डाटा एक्सेस करने में समय, Main Memory की तुलना में कम लगता है।
• यह CPU द्वारा बार-बार उपयोग किए जाने वाले सभी डेटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है, जिससे कम्प्यूटर के प्रदर्शन में सुधार होता है।
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