यह केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो कि कई तंत्रिका ऊतकों से मिलकर बना होता है। यह मस्तिष्क-कोष (Cranium) नामक अस्थि-गुहा के भीतर मस्तिष्कावरण (Meninges) झिल्ली के द्वारा घिरा रहता है जिसके कारण यह बाहरी आघातों से सुरक्षित रहता है। मानव मस्तिष्क का द्रव्यमान लगभग 1400 ग्राम तक हो सकता है।

मानव मस्तिष्क को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा गया है जिनका उल्लेख नीचे इस प्रकार से है –
अग्र मस्तिष्क (Forebrain)
यह मस्तिष्क का अगला लगभग 2/3 भाग है जो कि दो भागों से मिलकर बना है –
• प्रमस्तिष्क (Cerebrum)
यह दो गोलार्द्धों में बंटा होता है जो कि Corpus Callosum के द्वारा एक-दूसरे से जुड़े होते है। प्रत्येक गोलार्द्ध में तीन गहरी दरारे होती है जिसके कारण प्रत्येक गोलार्द्ध चार भागों में बंट जाता है –
(i) फ्रन्टल पालि (Frontal Lobe)
(ii) पैराइटल पालि (Parietal Lobe)
(iii) टेम्पोरल पालि (Temporal Lobe)
(iv) ऑक्सी-पिटल पालि (Occipital Lobe)
(i) फ्रन्टल पालि (Frontal Lobe)
(ii) पैराइटल पालि (Parietal Lobe)
(iii) टेम्पोरल पालि (Temporal Lobe)
(iv) ऑक्सी-पिटल पालि (Occipital Lobe)
इसका कार्य (i) ऐच्छिक गतियों (हृदय का धकड़ना, भोजन का पचना) को नियंत्रित करना। (ii) संवेदनाओं को ग्रहण करना (देखकर, सुनकर, सूँघकर) एवं उनको समझना, याद करना, विश्लेषण करना और उसी के अनुसार आदेश देना (बोलना)।
• डाईएनसिफेलॉन (Diencephalon)
इस भाग से पीनियल काय (Pineal Body) तथा पीयूष ग्रन्थि (Pituitary Gland) निकलती है। इसके निम्न दो भाग होते है –
(i) थैलेमस (Thalamus)
इसका कार्य दर्द, ठण्डा, गर्म, दबाव, स्पर्श आदि को पहचानना है।
(ii) हाइपोथैलेमस (Hypothalamus)
यह अन्त:स्रावी ग्रन्थियों से स्रावित होने वाले हार्मोन्स को नियंत्रित करता है।
मध्य मस्तिष्क (Midbrain)
यह मस्तिष्क का सबसे छोटा मध्य का भाग है जो कि प्रमस्तिष्क (Cerebrum) को मेडुला आब्लांगेटा (Medulla Oblongata) से जोड़ता है। इसके निम्न दो भाग होते है –
• कॉरपोरा क्वाड्रिगेमिना (Corpora Quadrigemina)
यह दृष्टि एवं श्रवण शक्ति पर नियंत्रण का केन्द्र है।
• सेरेब्रल पेंडुकल्स (Cerebral Penducles)
यह मस्तिष्क के अन्य भागों को मेरूरज्जु (Spinal Cord) से जोड़ता है।
पश्च मस्तिष्क (Hindbrain)
यह मस्तिष्क का पिछला भाग है जो निम्न दो भागों में बंटा होता है –
• अनुमस्तिष्क (Cerebellum)
यह पीछे की ओर मस्तिष्क के आधार पर स्थित होता है। इसका कार्य ऐच्छिक मांसपेशियों की गतियों को नियंत्रित करना है अर्थात् शरीर का संतुलन बनाए रखना है। इसके खराब होने से हाथ-पैर की गतियाँ बेकाबू हो जाती है।
• मेडुला आब्लांगेटा (Medulla Oblongata)
यह बेलनाकार आकार का होता है जिसके अग्र भाग में Pons Varolii होता है जो श्वास-प्रश्वास की क्रिया को नियंत्रित करता है तथा पिछला भाग मेरूरज्जु (Spinal Cord) से सम्बद्ध होता है। इसका कार्य संवेदनाओं और आदेशों का संचार मस्तिष्क एवं मेरूरज्जु के मध्य करना है अर्थात् संवेदनाओं को मेरूरज्जु से प्राप्त कर मस्तिष्क तक तथा मस्तिष्क से प्राप्त आदेशों को मेरूरज्जु तक पहुँचाना है।
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