जल में मुख्य रूप से दो प्रकार की कठोरता पायी जाती है जिनका उल्लेख इस प्रकार है –
स्थायी कठोरता (Permanent Hardness)
ऐसी कठोरता जो जल को उबालने से दूर नहीं होती है, उसे स्थायी कठोरता कहते है।
कारण – जल में उपस्थित यह कठोरता कैल्शियम और मैग्नीशियम के सल्फेट, क्लोराइड, नाइट्रेट इत्यादि लवणों के घुले रहने के कारण होती है।
दूर करने का उपाय – इस प्रकार की कठोरता को दूर करने के लिए जल में परम्यूटिट सोडियम जीओलाइट जिसे सोडियम एलुमिनोसिलिकेट [Na2Al2S2O8.xH2O] भी कहते है, डाला जाता है।
अस्थायी कठोरता (Temporary Hardness)
ऐसी कठोरता जो जल को उबालने से दूर होती है, उसे अस्थायी कठोरता कहते है।
कारण – जल में उपस्थित यह कठोरता कैल्शियम और मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट घुले रहने के कारण होती है।
दूर करने का उपाय – इस प्रकार की कठोरता को दूर करने के लिए जल में बुझा अथवा दूधिया चूना जिसे कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH)2] भी कहते है, डाला जाता है।
नोट : जल में धावन सोडा जिसे सोडियम कार्बोनेट [Na2CO3.10H2O] भी कहते है, डालकर उबालने से स्थायी और अस्थायी दोनों प्रकार की कठोरता को दूर किया जा सकता है।
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