यह एक ऐसा संयंत्र कक्ष है जिसमें विखण्डनीय पदार्थ में स्वपोषित नियंत्रित शृंखला अभिक्रिया चलायी जाती है। इस दौरान नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy) को ऊष्मीय ऊर्जा (Heat Energy) में परिवर्तित कर लिया जाता है जिसका उपयोग विभिन्न कार्यों में होता है।

Important Parts, Structure, Working Procedure and Applications of Nuclear Reactor in Hindi

भाग (Parts)

• ईंधन (Fuel)

यह वह पदार्थ है जिसका विखण्डन किया जाता है। इस कार्य के लिए यूरेनियम-235 अथवा प्लूटोनियम-239 का प्रयोग सबसे अच्छा माना जाता है।

• मन्दक (Moderator)

विखण्डन के दौरान निकलने वाले न्यट्रानों की गति को धीमा करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इस कार्य के लिए भारी जल (सबसे अच्छा), ग्रेफाइट अथवा बेरीलियम ऑक्साइड प्रयुक्त होता है।

• शीतलक (Coolant)

विखण्डन होने पर अत्यधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है जिसको शीतलक द्वारा हटाया जाता है। इस कार्य में वायु, जल अथवा कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को परमाणु भट्ठी में प्रवाहित करते है। इस दौरान ऊष्मा भाप में बदल जाती है जिसे टरबाइन चलाकर विद्युत उत्पन्न की जाती है।

• नियंत्रक छड़े (Control Rods)

विखण्डन दर को नियंत्रित करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इस कार्य के लिए जिरकोनियम, कैडमियम अथवा बोरॉन की छड़े प्रयोग होती है क्योंकि ये न्यूट्रानों की अच्छी अवशोषक होती है।

• सुरक्षा छड़े (Safety Rods)

यह नियंत्रक छड़ों का एक सेट है जो आपातकाल की स्थिति में, परमाणु भट्ठी के भीतर स्वत: प्रवेश कर जाती है और सारे न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर सम्पूर्ण शृंखला अभिक्रिया को रोक देती है।

• परिरक्षक (Shielder)

यह सात फुट मोटी कंकरीट की दीवार है जो विखण्डन के दौरान परमाणु भट्ठी से बाहर निकलने वाले विकिरण को रोकती है।

संरचना (Structure)

यह ग्रेफाइट की ईंटों से बना एक ब्लॉक है जिसमें निश्चित स्थानों पर साधारण यूरेनियम की छड़े धंसी होती है। यूरेनियम के ऑक्सीकारण को रोकने लिए इन छड़ों के ऊपर एल्युमिनियम का खोल चढ़ाया जाता है। ब्लॉक के खाँचों में कैडमियम की छड़ों को भी रखा जाता है जिन्हें आवश्यतानुसार भीतर अथवा बाहर खिसकाया जा सकता है। इन छड़ों के अलावा ब्लॉक में सुरक्षा छड़ों का एक सेट भी लगा होता है जो आपातकाल की स्थिति में परमाणु भट्ठी के भीतर होने वाली सम्पूर्ण प्रक्रिया को स्वत: रोक देता है। सम्पूर्ण परमाणु भट्ठी सात फुट मोटे कंकरीट की दीवार से घिरी होती है जो कि विखण्डन के दौरान बाहर निकलने वाले विकिरण को रोकती है।

कार्यविधि (Working Procedure)

परमाणु भट्ठी को चलाने के लिए की बाह्य स्रोत की आवश्यकता नहीं होती है। भट्ठी के भीतर कुछ न्यूट्रॉन हमेशा उपस्थित रहते है। जब परमाणु भट्ठी को चलाना होता है तो कैडमियम की छड़ों को बाहर खींच लिया जाता है। भट्ठी में उपस्थित न्यूट्रॉन, यूरेनियम-235 के नाभिकों से टकराते है और उनका विखण्डन करने लगते है। फलस्वरूप अन्य न्यूट्रॉन उत्पन्न हो जाते है जो बार-बार मन्दक (ग्रेफाइट) से टकराते है। चूंकि मन्दक हल्की धातु का बना होता है, अत: न्यूट्रॉन उसकी पकड़ में नहीं आ पाते परन्तु उनकी गति धीमी अवश्य पड़ जाती है। तब ये न्यूट्रॉन भी यूरेनियम-235 के नाभिकों का विखण्डन करने लगते है। इस प्रकार विखण्डन की शृंखला अभिक्रिया प्रारम्भ हो जाती है। न्यूट्रॉनों की इस बढ़ती हुई संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए कैडमियम की छड़ों को भीतर खिसका दिया जाता है। ये छड़े कुछ न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर लेती है। इस प्रकार विखण्डन की दर को कम करके उत्पन्न ऊर्जा पर नियंत्रण रखा जा सकता है।

अनुप्रयोग (Applications)

(i) बिजली के निर्माण में।
(ii) तीव्रगामी न्यूट्रॉनों के उत्सर्जन में।
(iii) कृत्रिम रेडियो आइसोटोपों के उत्पादन में।