इसका पूरा नाम पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन है। यह किसी पदार्थ की अम्लीयता या क्षारीयता को उसके विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों (H+) की सान्द्रता के आधार पर व्यक्त करने का पैमाना है। pH पैमाना की अवधारणा सर्वप्रथम Dr. Soren Sorensen ने प्रस्तुत की थी।
साधारण शब्दों में, किसी पदार्थ का pH मान उसके विलयन में उपस्थित हाइड्रोजन आयनों (H+) की मोल प्रति लीटर मात्रा के, 10 के आधार पर लघुगुणक के ऋणात्मक मान के बराबर होता है।
pH = – log10(H+)
यहाँ पर कुछ महत्वपूर्ण पदार्थ और उनके pH मान का उल्लेख किया जा रहा है जो कि इस प्रकार है –
पदार्थ |
pH मान |
समुद्री जल | 8.4 |
शुद्ध जल | 7.0 |
दूध | 6.4 |
अम्लीय वर्षा का जल | 5.6 से कम |
रक्त | 7.3 – 7.5 |
लार | 6.5 – 7.5 |
मूत्र | 5.5 – 7.5 (मानव मूत्र - 6) |
शराब | 2.8 – 3.8 |
सिरका | 2.4 – 3.4 |
नींबू | 2.2 – 2.4 |
महत्वपूर्ण तथ्य
• किसी पदार्थ का pH मान 7 से कम होने पर वह अम्लीय होता जाता है, 7 से अधिक होने पर क्षारीय होता जाता है और 7 होने पर उदासीन हो जाता है।
• मानव शरीर 7 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है। मुँह का pH मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारम्भ हो जाता है। दाँतों का इनैमल कैल्शियम फॉस्फेट का बना होता है जो कि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता, लेकिन मुँह का pH मान 5.5 से कम होने पर संक्षारित हो जाता है।
• मानव शरीर 7 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है। मुँह का pH मान 5.5 से कम होने पर दाँतों का क्षय प्रारम्भ हो जाता है। दाँतों का इनैमल कैल्शियम फॉस्फेट का बना होता है जो कि शरीर का सबसे कठोर पदार्थ है। यह जल में नहीं घुलता, लेकिन मुँह का pH मान 5.5 से कम होने पर संक्षारित हो जाता है।
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