ध्वनि तरंगों को आवृत्ति परिसर के आधार पर तीन वर्गों में बांटा गया है जिनका उल्लेख निम्नवत है –

अवश्रव्य तरंगे (Infrasonic Waves)

इन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से कम होती है। इस प्रकार की तरंगे हृदय की धड़कन, सरल लोलक के दोलनों इत्यादि के द्वारा उत्पन्न की जाती है।

श्रव्य तरंगे (Audible Waves)

इन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से लेकर 20,000 हर्ट्ज तक होती है। इस प्रकार की तरंगे मनुष्य एवं जानवरों की आवाज, घंटी, ढोल, तबला, वायलिन, सितार इत्यादि के द्वारा उत्पन्न की जाती है।

पराश्रव्य तरंगे (Ultrasonic Waves)

इन तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से ज्यादा होती है। इस प्रकार की तरंगे चमगादड़, बिल्ली, कुत्ता इत्यादि के द्वारा उत्पन्न की जाती है।