Derivation of Convex Mirror Formula in Hindi
माना XY गोलीय उत्तल दर्पण का एक भाग है जिसका ध्रुव P, फोकस F और वक्रता केन्द्र C है। इसके मुख्य अक्ष के किसी बिन्दु B पर कोई वस्तु AB रखी है। वस्तु के सिरे A से, एक किरण मुख्य अक्ष से समान्तर चलकर दर्पण के बिन्दु M पर आपतित होती है जो दर्पण से परावर्तन के बाद फोकस F से आती हुई प्रतीत होती है, जबकि दूसरी किरण दर्पण के बिन्दु M' पर आपतित होती है और दर्पण से परावर्तन के बाद वक्रता केन्द्र C से उसी मार्ग में वापस लौटकर आती हुई प्रतीत होती है। फोकस (F) और वक्रता केन्द्र (C) से आती हुई दोनों प्रतीत किरणें एक-दूसरे को बिन्दु A' पर काटती है। बिन्दु A' से मुख्य अक्ष पर डाला गया लम्ब A'B', वस्तु AB का प्रतिबिम्ब है।
माना दर्पण के ध्रुव P से, बिन्दु B पर रखी वस्तु AB की दूरी u, बिन्दु B' पर बने प्रतिबिम्ब की दूरी v, फोकस F की दूरी f और वक्रता केन्द्र की दूरी r है।
ΔABC और ΔA'B'C में,
∠ABC = ∠A'B'C (प्रत्येक समकोण)
समरूप त्रिभुज के नियम से,
AB
A'B'
=
BC
B'C
............(1)
ΔMNF और ΔA'B'F में,
∠MNF = ∠A'B'F (प्रत्येक समकोण)
समरूप त्रिभुज के नियम से,
MN
A'B'
=
NF
B'F
............(2)
हम जानते है, AB = MN Or MN = AB
समीकरण (2) से,
AB
A'B'
=
NF
B'F
............(3)
समीकरण (1) और (3) से
BC
B'C
=
NF
B'F
............(4)
माना PF ≈ NF Or NF ≈ PF
समीकरण (4) से,
BC
B'C
=
PF
B'F

BP + PC
PC – PB'
=
PF
PF – PB'

यहाँ वस्तु आपतित किरण के विपरीत दिशा में है अत: वस्तु की दूरी का चिन्ह ऋणात्मक और इसके अलावा अन्य दूरियाँ आपतित किरण की दिशा में है जिनका चिन्ह धनात्मक लेंगे।
BP = –u, PB' = +v, PF = +f, PC = +R = +2f
(–u) + (+2f)
(+2f) – (+v)
=
(+f)
(+f) – (+v)

–u + 2f
2f – v
=
f
f – v

(–u + 2f)(f – v) = (f)(2f – v)
–uf + uv + 2f2 – 2fv = 2f2 – fv
–uf + uv - 2fv = – fv
–uf + uv = 2fv – fv
–uf + uv = fv
uv = fv + uf
fv + uf = uv
f(v + u) = uv
v + u
uv
=
1
f

v
uv
+
u
uv
=
1
f

1
u
+
1
v
=
1
f