माना परिपथ में R1, R2 तथा R3 प्रतिरोध परस्पर समान्तर क्रम में संयोजित है जिनका सर्वनिष्ठ (Common) विभवान्तर V है। यदि इन प्रतिरोधकों में प्रवाहित धाराएँ क्रमशः I1, I2 तथा I3 हो तो,

Derivation of Resistance Formula Connected in Parallel in Hindi

ओम के नियम से,
I1 =
V
R1
...........(1)
I2 =
V
R2
...........(2)
I3 =
V
R3
...........(3)

उपर्युक्त समीकरणों से स्पष्ट है कि समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों में प्रवाहित धाराएँ भिन्न-2 होती है तथा प्रतिरोधकों के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

ऊपर दिए गए तीनों समीकरणों को जोड़ने पर,

I1 + I2 + I3 =
V
R1
+
V
R2
+
V
R3
...........(4)

यदि प्रतिरोधकों के पूरे संयोजन में प्रवाहित धारा I हो तो,

I = I1 + I2 + I3 ...........(5)

समीकरण (4) और (5) से,

I =
V
R1
+
V
R2
+
V
R3

I
V
=
1
R1
+
1
R2
+
1
R3
...........(6)

माना R एक ऐसा प्रतिरोध है, जिसमें I धारा प्रवाहित होने पर V विभवान्तर उत्पन्न हो रहा है। यह प्रतिरोध, R1, R2 तथा R3 के समान्तर संयोजन के समतुल्य होगा।

समतुल्य प्रतिरोध के लिए,

R =
V
I

1
R
=
I
V
...........(7)

समीकरण (6) और (7) से,

1
R
=
1
R1
+
1
R2
+
1
R3


समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधकों के समतुल्य प्रतिरोध का व्युत्क्रम, उनके प्रतिरोधों के व्युत्क्रमों के योग के बराबर होता है।